देवरी. जिन ग्रापं का कार्यालय समाप्त हो गया है, वहां पर प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय राज्य सरकार की ओर से लिया गया. पालकमंत्री की सलाह पर नियुक्ति की जाए ऐसी सूचना ग्राम विकास मंत्री ने जिप सीईओ को दी. निर्णय पीछे लेने की मांग के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई. न्यायालय ने अंतरिम आदेश दिया. ग्रापं पर प्रशासक के रूप में प्राधिकरण के सरकारी अधिकारी या कर्मचारियों की नियुक्ति करने अंतरिम आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की ओर से दिया गया.
शासकीय अधिकारी नहीं होने पर निजी व्यक्ति की नियुक्ति पर विचार करें. इस संदर्भ में विस्तारपूर्वक कारण बताकर ही व्यक्ति की नियुक्ति का आदेश निकालने की सूचना न्यायालय ने दी. अनुरूप जिप सीईओ राजेश खवले ने जिले विस्तार अधिकारियों को ग्रापं के प्रशासक बनाने के आदेश निकाले इसमें देवरी तहसील के 27 ग्रापं का समावेश है.
ग्रापं में समस्याओं का अंबार
विस्तार अधिकारी आर. पी. पराते को 9 ग्रापं का प्रशासक व झामडे को 8, एचके नेताम को 3, वी. एस. बोकडे को 3, डी. बी. साकुरे को 3 व डी. डी. ढोरे को 3 ग्रापं प्रशासक बनाया गया. अब एक अधिकारी कई ग्रापं पर प्रशासक बनकर काम करेगा तो ग्राम विकास में गति कैसी आएगी, कई प्रशासक अब तक अपने ग्रापं में पहुंचे भी नहीं है. ऐसे में ग्राम से संबंधित समस्याओं को लेकर नागरिक परेशान हैं. अनेक लोगों को समय पर दाखिले नही मिल रहे है. 14 वें वित्त आयोग की राशि भी खर्च नहीं हो रही है. कोरोना संकट के दौरान अनेक ग्रामों को सैनिटाइज नहीं किया गया.
थम गया विकास
गुट विकास अधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस प्रशासकीय कार्यों का निरीक्षण भी नहीं किया. तहसील का विकास थम गया है. विधायक सहेसराम कोरेटे ने बताया कि ग्राम का कार्यभार एक ही प्रशासक को देना चिंताजनक है. जिप सीईओ व पंस बीडीओ से चर्चा कर जल्द ही हल निकाला जाएगा.