ST BUS
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    • दुर्गम क्षेत्रों में निजी वाहन चालकों की मनमानी 

    गोंदिया. ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में निजी वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाया जाता है. लेकिन इस ओर उपप्रादेशिक परिवहन विभाग व यातायात विभाग की अनदेखी होने के कारण इन क्षेत्रों में निजी यात्री वाहन चालकों की मनमानी दिखाई दे रही है.

    दुर्गम इलाकों में एसटी बस की सेवा शुरू नहीं रहने से इन दिनों ग्रामीण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषत: संबंधित विभाग की अनदेखी के चलते यह मामला खुलेआम शुरू है. जिससे क्षमता से अधिक यात्रियों को वाहन में बिठाया जा रहा है. निजी वाहन धारकों पर कार्रवाई करने की मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है.

    जिला आदिवासी बहुल और दुर्गम क्षेत्र में बसा हुआ है. दुर्गम क्षेत्र में बसे अधिकतर गांवों तक बस नहीं पहुंच पाती है. जिसके कारण इन क्षेत्र में लोग निजी वाहनों से अधिक सफर करते है. दूसरी ओर इसका गलत लाभ उठाते हुए और कम समय में अधिक पैसे कमाने के चक्कर में निजी वाहन धारक क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाकर सफर करते हैं. ऐसे में दुर्गम क्षेत्रों की सड़कों की हालत खस्ता होने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है. बावजूद इसके निजी वाहन चालक अपनी मनमानी कर क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाते हैं.

    जिले में निजी वाहन शुरू

    कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार ने संपूर्ण राज्य में लाकडाउन घोषित किया था. लाकडाउन कालावधि में राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रापनि की बस सहित निजी वाहनों के आवागमन पर बंदी लगाई थी. लेकिन कुछ दिन पहले राज्य में संक्रमितों की संख्या कम होने के कारण ब्रेक द चैन के अंतर्गत लाकडाउन खोलते हुए रापनि की बसे सहित निजी वाहनों को आवागमन की अनुमति दी गई है.

    पुलिस को करनी पड़ती है कार्रवाई

    ग्रामीण और दुर्गम परिसर में उपप्रादेशिक परिवहन विभाग अथवा यातायात विभाग के कोई कर्मचारी नहीं है. जिसके कारण क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाने वाले वाहन चालकों पर पुलिस को ही कार्रवाई करनी पड़ती है. अनेक बार ऐसा होता है कि पुलिस थाना समीपस्थ आने से वाहन चालक यात्रियों को निचे उतारते है और बाद में दोबारा यात्रियों को वाहन में बिठाकर सफर करते हैं. जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बड़े गांवों में यातायात कर्मियों की नियुक्ति करने की मांग की जा रही है.

    ग्रामीण इलाकों में ST का इंतजार

    कोरोना की दूसरी लहर अब कम हो चली है. जिससे पाबंदियों में छूट दी गई है.  इसमें एसटी बस फेरियां भी पूर्ववत हो रही है. लंबी दूरी की बस सेवाओं के शुरू होने के बावजूद देवरी तहसील के ग्रामीण इलाकों में नागरिक अभी भी सुचारू बस सेवा की प्रतीक्षा में हैं. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रूप से बस सेवा शुरू करने की मांग की जा रही है.

    पिछले साल से कोरोना संक्रमण ने सार्वजनिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसमें बसे भी बंद रहीं. वर्तमान में तहसील में कोरोना रोगियों की संख्या कम है और बड़ी संख्या में टीकाकरण किया जा रहा है. अब यात्रा करने में कोई समस्या नहीं है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी बस सेवा शुरू की जानी चाहिए. इस प्रकार की मांग की जा रही है. देवरी तहसील मुख्यालय है और इसमें 30 से  40 ग्रामीण क्षेत्र और गांव सीधे देवरी शहर से जुड़े हुए हैं.

    लेकिन तहसील के काकोड़ी, पालांदूर  जमींदारी, गनुटोला जाने के लिए केवल बस ही विकल्प है. नियमित बस सेवा के अभाव के चलते गांव के लोगों का संपर्क टूट गया है. इसलिए देवरी बस स्टैंड से ककोड़ी-पालांदूर/जमीं तक जाने वाली बसों को  तत्काल शुरू करने की मांग ग्रामीणों ने की है.