देवरी. कोरोना के मौजूदा हालात में ग्रामीण अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना जरूरी है. लेकिन यहां के ग्रामीण अस्पतालों में विभिन्न अधिकारी-कर्मचारियों और नर्सों के जरुरी पद रिक्त हैं. जिससे इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है. यहां लाखों रु. की लागत से उपलब्ध कराई गई मशीनरी धूल फांक रही है और नर्सों की कमी के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड रही है. चिचगड के ग्रामीण अस्पताल में क्षेत्र से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं. वहीं अस्पताल में एक्स-रे विभाग भी बंद है.
चिकित्सा के क्षेत्र में नर्सों का बहुत महत्व है. कोरोना की वैश्विक महामारी में दुनिया को यह एहसास हो गया है कि नर्सें चिकित्सा क्षेत्र का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. यही वजह है कि नर्सों को चिकित्सा क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी के रूप में देखा जा रहा है.
इसी तरह चिचगड़ ग्रामीण अस्पताल में नर्सों के 7 पद स्वीकृत किए गए हैं और 3 पद भरे गए हैं. इनमें से 2 अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर हैं. 2 संविदा नर्स हैं. 1 नर्स मेडिकल अवकाश पर है. इसलिए अस्पताल का भार 2 नर्सों के कंधों पर है और उनमें से एक नर्स गर्भवती है. ऐसे में काम करने वाली नर्सों को शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है.
एनसीपी की इंदल अरकरा ने चेतावनी दी है कि प्रशासन ने 8 दिन के भीतर अस्पताल में रिक्त पदों को नहीं भरा तो अस्पताल को ताला लगा दिया जाएगा.