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    नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वरिष्ठ मंत्रियों और शिक्षा विभाग के अधिकारीयों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। परीक्षा को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”

    भारत सरकार ने बारहवीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। व्यापक विचार-विमर्श के बाद, हमने एक निर्णय लिया है जो छात्रों के अनुकूल है, जो हमारे युवाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ भविष्य की रक्षा करता है।

    नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुलाई इस बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, पियूष गोयल, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, निर्मला सीतारमण, प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के सचिव और अन्य अधिकारी शामिल थे। 

    चिंता को समाप्त किया जाना चाहिए 

    प्रधानमंत्री द्वारा जारी किए नोट में कहा कि, “सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच अत्यधिक चिंता पैदा कर रहा है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।”

    छात्रों को परीक्षा के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए 

    पीएम ने कहा कि देश भर में कोविड की स्थिति एक गतिशील स्थिति है। जबकि देश में संख्या कम हो रही है और कुछ राज्य प्रभावी सूक्ष्म-नियंत्रण के माध्यम से स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं, कुछ राज्यों ने अभी भी तालाबंदी का विकल्प चुना है। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। पीएम ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

    युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं हो सकती

    प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि, “हमारे छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का अत्यधिक महत्व है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में इस तरह की परीक्षाएं हमारे युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं हो सकती हैं।”

    निष्पक्ष तरीकों से बनाएं रिजल्ट 

    पीएम ने कहा कि सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। पीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परिणाम अच्छी तरह से परिभाषित मानदंडों के अनुसार निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं।

    जिसको परीक्षा देना है उसके लिए भी व्यवस्था 

    जारी किए आदेश में कहा गया है कि, “पिछले साल की तरह, यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो सीबीएसई द्वारा उन्हें इस तरह का विकल्प प्रदान किया जाएगा, जब स्थिति अनुकूल हो जाएगी।”

    ज्ञात हो कि, सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा के आयोजन करने के लिए कई राज्यों ने अपने हांथ खड़े कर लिए थे। दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक से बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। इसी के साथ राज्यों ने केंद्र सरकार से पहले बच्चों को टीका लगाने और फिर परीक्षा आयोजित किया जाए।