नयी दिल्ली. आखिर कांग्रेस (Congress) के पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने आज यानी बुधवार को BJP का दामन थाम ही लिया। अब यह कदम उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। आज केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
LIVE: Shri @JitinPrasada joins BJP in presence of Shri @PiyushGoyal at BJP HQ. https://t.co/jtF3FBzMik
— BJP (@BJP4India) June 9, 2021
बलूनी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘भाजपा की नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से प्रभावित होकर जितिन प्रसाद भाजपा परिवार में शामिल हुए हैं। हम उनका स्वागत करते हैं।”भाजपा में शामिल होने से पहले प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। ज्ञात हो कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था।
आखिर क्यों जितिन बने BJP के फेवरिट:
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले जहाँ BJP अपने सभी सियासी समीकरण को फिलहाल दुरुस्त करने में जुट गई है। वहीँ अब खबर यह भी है कि बीजेपी से ब्राह्मणों का एक बड़ा तबका बहुत ही नाराज है। यह नाराजगी खासतौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बतायी जा रही है। ऐसे में BJP, जितिन प्रसाद को अपने खेमें में शामिल करवाकर ब्राह्मणों के बीच बड़ा संदेश पहुँचाना चाहती है।
Delhi: Congress leader Jitin Prasada joins BJP in the presence of Union Miniter Piyush Goyal, at the party headquarters. pic.twitter.com/lk07VGygbe
— ANI (@ANI) June 9, 2021
बता दें कि कांग्रेस में रहते हुए जितिन प्रसाद ब्राह्मण चेतना मंच नाम से एक संगठन बनाकर हमेशा से ही ब्राह्मणों की राजनीति करते रहे हैं। वे उत्तर प्रदेश के बड़े ब्राह्मण चेहरे भले ही न हों, लेकिन शाहजहांपुर, ललितपुर और आसपास के इलाके में उनका आंशिक प्रभाव देखा गया है और वे वहां BJP के ‘लकी चार्म’ बन सकते हैं और पार्टी को लाभ पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि ब्राह्मणों की नाराजगी को कम करने के लिए BJP उन्हें अपने साथ लाना चाहती थी।
क्या है बंद कमरे की डील :
फिलहाल जितिन प्रसाद के BJP में आने के बदले में क्या मिलने की डील हुई है, इस पर तो फिलहाल कोई रौशनी नहीं है। लेकिन इसके पहले BJP, ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने खेमें में लाकर उन्हें राज्यसभा भी भेज चुकी है। इसी तरह जितिन प्रसाद को भी राज्यसभा भेजे जाने की अब संभावना बनती दिख रही है। लेकिन अब एक संभावना और भी दिख रही है कि उन्हें उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में महत्वपूर्ण जगह देकर अगले साल चुनाव में उतारा जाए, जिससे वे अगले विधानसभा चुनाव में BJP के लिए अहम भी साबित हों। यह सम्भावना इसीलिए भी प्रबल है क्योंकि उत्तरप्रदेश के आनेवाले बहुप्रतीक्षित मंत्री मंडल विस्तार, जो कि हाल ही में घटी कुछ घटनाओं के चलते रोक दिया गया था। लेकिन जितिन प्रसाद के BJP में शामिल होने के बाद निर्मित हुईं नई परिस्थितियों में उन्हें योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल विस्तार में जगह देने की संभावना भी अब बन सकती है।