नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ कोरोना (Corona) की दूसरी लहर का कहर अब कम होता दिख रहा है। वहीं अब इस मारक वायरस की उत्पत्ति को लेकर जारी विवादों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के वैरिएंट्स को नाम दे दिया है। ऐसा SARS-CoV-2 के मुख्य वैरिएंट्स को आसानी से याद रखने के लिहाज से ही किया गया है। वहीं अब WHO ने भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के वैरिएंट (B.1.617.2 स्ट्रेन) का नाम ‘डेल्टा’ (Delta Variant) रखा है। यही नहीं, जबकि भारत में मिले दूसरे वैरिएंट (B.1.617.1 स्ट्रेन) को अब ‘कप्पा’ के नाम से जाना जाएगा। WHO ने यह भी साफ़ किया कि ग्रीक अक्षरों का उपयोग करते हुए यह नामकरण किया गया है।
विदित हो कि हाल ही में कोरोना के B.1.617.2 स्ट्रेन को ‘भारतीय वैरिएंट’ (Indian Variant) कहे जाने पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था। वहीं खुद WHO भी ये कह चुका है कि कोरोना वायरस के किसी भी स्ट्रेन या वैरिएंट को किसी भी देश के नाम से जोड़ा और पहचाना नहीं जाना चाहिए। भारत में कोरोना वायरस का B.1.617 स्ट्रेन अब तक 53 देशों में मिला है। इसे कोरोना का अब तक का बेहद संक्रामक स्वरूप माना जा रहा है।
The labels do not replace existing scientific names, which convey important scientific information & will continue to be used in research. The naming system aims to prevent calling #COVID19 variants by the places where they are detected, which is stigmatizing & discriminatory. pic.twitter.com/MwWGGMXPjn
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 31, 2021
कोरोना के अन्य वैरिएंट्स का नामकरण:
इधर ब्रिटेन में बीते साल 2020 के सितंबर महीने में मिले वैरिएंट का नाम ‘अल्फा’ रखा गया है जबकि साउथ अफ्रीका में मिले वैरिएंट को ‘बीटा’ नाम से जाना जाने वाला है। इसके साथ ही WHO ने पिछले साल नवंबर में ब्राजील में मिले वैरिएंट को ‘गामा’ नाम दिया है। इसके अलावा अमेरिका में मिले वैरिएंट का नाम ‘एप्सिलॉन’ जबकि फिलीपींस में इस साल जनवरी 2021 में मिले स्ट्रेन का नाम अब ‘थीटा’ रखा गया है।
वैज्ञानिक नाम में कोई बदलाव नहीं :
बता दें कि बीते सोमवार को WHO ने कहा कि कोरोना वैरिएंट के ये नए नाम मौजूदा वैज्ञानिक नामों में कोई भी परिवर्तन नहीं करेंगे। वे नाम पहले की तरह ही आगे भविष्य में भी किसी भी वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए प्रयोग किए जाते रहेंगे। गौरतलब है कि, वैज्ञानिक नाम पूरी दुनिया में एक ही होता है जो उसकी विशेषताओं के आधार पर ही रखे जाते हैं।
डेल्टा रूपक सबसे ज्यादा संक्रामक!
गौरतलब है कि भारत में पहली बार सामने आया B.1.617 वैरिएंट अब दुनियाभर के 53 देशों में सक्रिय है। कोरोना के B.1.617 वैरिएंट के फिलहाल तीन अलग प्रकार हैं- B.1.617.1, B.1.617.2 और B.1.617.3 में। अपडेट के मुताबिक अगल-अलग देशों और क्षेत्रों में 25 मई तक B.1.617 के तीन प्रकार के प्रचलन को ही देखा गया है।