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    नयी दिल्ली.  केंद्रीय परिवहन और उद्योग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) आज अपना 63वां जन्मदिन (Haapy Birthday Nitin Gadkari) मना रहे हैं। भारतीय राजनीति के धरातल में श्री नितिन गडकरी (HBD Nitin Gadkari) के पहचान एक संवेदनशील नेता और एक अजातशत्रु के रूप में है जिसे उनके विरोधी भी पसंद करते हैं। इसी के साथ उनकी पहचान दूरदर्शी और टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करने वाले के तौर पर भी होती है। उनके कार्य में उनकी सिद्धहस्त, दक्षता और समर्पण का ही परिणाम है कि आज उन्हें कोई रोडकरी, फ्लाईओवर मैन, हाईवे मैन और विकास पुरुष के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन केवल कार्य करना ही उनकी विशेषता नहीं है।

    वे अपने सहयोगियों और विरोधियों को भी एक साथ लेकर चलने में माहिर है जो उन्हें ख़ास बनती है। ऐसे में आज उनके जन्मदिन के विशेष अवसर पर, उनके प्रिय सहयोगी और महाराष्ट के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी उनके लिए अपने पुनीत विचार रखे हैं। आइये हम उनके विचारों को भी पढें।

    पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने दी, नितिन गडकरी को जन्मदिन की बधाई: 

    भारतीय जनता पार्टी के नेता और हमारे वरिष्ठ मार्गदर्शक माननीय श्री नितिन गडकरी आज 27 मई, 2021 को 64 वर्ष के हो गए हैं। यकीन नही होता, क्योंकि नितिन गडकरी अभी भी एक युवा से भी ज्यादा उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। तीव्र गति से काम और इसके लिए आवश्यक अपार उत्साह उनका स्थायी भाव है। अपने काम में वे लगातार नए विचारों का सृजन करते हैं। उनकी विशेषता है कि वह अपने मन में आने वाले नए विचारों को पूरा करने के लिए दिन-रात प्रयास करते हैं।

    नागपुर जैसे क्षेत्र से और बाद में संघ के तथा विभिन्न सामाजिक कार्यों के माध्यम से राजनीति में आए नितिन गडकरी आज राजनीति में सफलता के शिखर पर पहुंच गए हैं। मैं यह भी बताना चाहूंगा कि उनकी सफलता की कुंजी यह है कि वे अपने निडर स्वभाव के कारण चाहे कितनी भी मुश्किलों का सामना करें, सदा आगे बढ़ते रहते हैं। कई ऐसे हैं, जो मात्र अपनी कल्पनाओं को बातों मे कहते है, लेकिन बहुत कम लोग होते हैं, जो अपने विचारों को वास्तव में साकार करने का प्रयास करते हैं, नितिन जी उनमें से एक हैं।

    कोई भी कठिनाई हो, उसको दूर करना उनका स्वभाव है। मुश्किल वक्त में भी उनके हौसले बुलंद रहते हैं। मुझे याद है, कुछ साल पहले उनका एक बड़ा एक्सीडेंट हो गया था। हमारा सौभाग्य था कि वे बच गए, लेकिन उनका एक पैर घायल हो गया। तब वे विपक्ष के नेता थे। ठीक से चल भी नहीं पाते थे, लेकिन इसके बावजूद विधानसभा में वे विपक्ष के लीडर की जिम्मेदारी बखूबी निभाते रहे। तत्कालीन सत्ताधारी दल के लोग लगातार उनके काम में बाधा डालते रहे, लेकिन सचमुच एक पैर पर खड़े होकर उन्होंने पार्टी को मजबूती से खड़ा कर दिया। उन्होंने उसी हालात में नागपुर नगर निगम चुनाव भी जिताया और भारतीय जनता पार्टी को भारी सफलता दिलवाई।

    खुले विचार और साफ दिल:

    नितिन जी कोई व्यक्ति नहीं बल्कि स्वयं में एक विश्वविद्यालय हैं। कोई एक चौखट बनाकर सोचना उनकी आदत नही। सदैव ‘आउट ऑफ बॉक्स’ सोचना और किसी भी कार्य में सफलता पाने में वे निपुण हैं। उन्होंने अपने काम के नियम स्वयं बनाये हैं। एक और बात जो मेरे सहित कईयों को पसंद है, वह है उनका खुले विचारों वाला स्वभाव। विदर्भ से होने के कारण उन्हें यह गुण वहीं से मिला है। उनका व्यक्तित्व खुला है। आप जो भी करना या कहना चाहते हैं सबके सामने। अंदर-बाहर अलग कुछ भी नहीं। उनका एक ही मंत्र है, जो करना है, उसी बात को कहो और जिस बात को कहना है, उसी कार्य को करो। वास्तव में, राजनीति में ऐसा बहुत कम दिखाई देता है। वे अगर किसी बात को ठान लेते हैं तो फिर किसी की नही सुनते।

    भरपूर आत्मविश्वास:

    वे जो कहते हैं, उसके विपरीत परिणामों के बारे में वे कभी नहीं सोचते। विरोधियों ने उन्हें निशाना बनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन भरपूर आत्मविश्वास के साथ वे आगे बढ़ते जा रहे हैं और सफल हो रहे है। जब वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब विपक्ष द्वारा उन्हें परेशानी में डालने के कई प्रयास किए गए। उन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। कुछ ने तो यह भविष्यवाणी भी कर दी थी कि नितिन जी गडकरी इन आरोपों से उबर नहीं पाएंगे, लेकिन हमारे जैसे कार्यकर्ता, जो उन्हें अच्छी तरह जानते थे, आश्वस्त थे कि वे इससे बाहर निकल आएंगे। उनसे प्यार करने वाले कार्यकर्ताओं की मानसिकता पर जरा भी असर नहीं पड़ा। उन्हें विश्वास था कि उनका नेता कभी गलत नहीं करेगा। नितिन गडकरी ने इस अग्निपरीक्षा को पास किया।

    काम मे तेज गति और पारदर्शिता:

    नितिन जी को हर कोई व्यक्ति चाहता है। गतिशीलता उनका सबसे बड़ा गुण है। आज प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में जहां देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं नितिन गडकरी की गति इस विकास प्रक्रिया में सहायक भूमिका निभा रही है। उनके काम की गति देखकर हम जैसे कई कार्यकर्ता प्रेरित होते हैं। आज उनका विभाग देश में लाखों-करोड़ों रुपए के रास्तों का काम बहुत तेजी के साथ कर रहा है, लेकिन उन पर एक भी आरोप नहीं लगा है। गति के साथ-साथ यह पारदर्शिता भी बहुत महत्वपूर्ण है।

    देश हित और पार्टी हित सर्वोपरि:

    हम राजनीति में एक साथ काम कर रहे हैं। हालांकि हमारे अलग-अलग स्वभाव हैं, लेकिन एक समानता है, वह यह है कि हम दोनों के काम में देश हित और पार्टी हित सर्वोपरि हैं। हमने इस बात पर कभी जोड़-तोड़ नहीं की। प्रत्येक नेता की अपनी श्रेष्ठता होती है। अटल जी में एक अलग श्रेष्ठता थी, वैसे ही माननीय प्रधानमंत्री जी की एक अलग श्रेष्ठता है। नितिन जी का भी महाराष्ट्र की राजनीति में एक विशेष स्थान है। हालांकि मैंने राजनीति में अपनी जगह बनाई है, लेकिन नितिन जी का भी उसमें एक बड़ा योगदान है। जितना अधिक मैं उनकी भूमिकाओं को महत्व देता हूं और प्राथमिकता देता हूं, उतना ही वे मेरी भूमिकाओं को महत्व देते हैं और प्राथमिकता देते हैं। हालांकि कुछ मुद्दों पर दो विचार भी सामने आते हैं। अक्सर मैं अपने विषय को उनके सामने तत्परता से प्रस्तुत करता हूं। लेकिन, अंतिम शब्द उनका होता है। कभी-कभी ऐसे भी प्रसंग आते है कि, कोई एक भूमिका उन्हे पसंद ना आयी हो, लेकिन, वे मेरे लिए उस भूमिका को स्वीकार करते हैं। यह हमारा स्वाभाविक रिश्ता है और इसलिए वे मेरे लिए मार्गदर्शक हैं। चुनावी दौर में उनका लगातार ध्यान सबका ख्याल रखने, सबके साथ आत्मीयता रखने का होता है। यह आसानी से उनकी कोमलता को रेखांकित करता है।

    कोरोना काल में भी अमूल्य कार्य:

    कोरोना काल के शुरुआती दिनों में नितिन जी खुद कोरोना पीड़ित हो गए थे। उस पर काबू पाने के बाद, वे नागपुर और विदर्भ के लिए भी और अधिक चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने में जुट गए। उन्होंने रेमडेसिविर, ऑक्सीजन के लिए पहल की। वे लगातार विभिन्न दवा कंपनियों के संपर्क में हैं। वर्धा में रेमडेसिविर का उत्पादन शुरू करवाया। निश्चय ही उन्होंने इस अवधि में जो कार्य किए हैं और जो मार्गदर्शन उन्होंने हम सभी को दिया है, वह अमूल्य है। इसलिए हम नागपुर में कई सुविधाएं बढ़ाने में सफल रहे। मैं उन्हें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और उनके लंबे जीवन की कामना करता हूं।

    देश के नव निर्माण में, मोदी जी के सहयोगी:

    हम सभी चाहते हैं कि माननीय मोदी जी जैसा दूरदर्शी नेता कम से कम 15-20 साल इस देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान रहे। देश के नव निर्माण में मोदीजी के सहयोगी के तौर पर किसी शख्स का नाम याद रखा जाएगा तो वह है नितिन जी। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि देश के इतिहास में जिस मराठी व्यक्ति का नाम अंकित होगा, वह नाम नितिन जी का होगा। नेता कितना भी बड़ा क्यों न हो, जमीन से उसका रिश्ता बरकरार रहना चाहिए। जो इस संबंध को बनाए रखता है, वही आगे सफल होता है। उन्ही नेताओं में से नितिन जी एक है। वे दुनिया में कहीं भी जाएं, महल, नागपुर और विदर्भ को कभी नहीं भूलते। माननीय प्रधानमंत्री जी नरेंद्र मोदी जी एक बार नागपुर आए थे। वापस जाते समय ज्यादातर मंत्री उनके साथ चले गए, लेकिन नितिनजी रुक गए। मोदी जी ने कहा भी, ‘‘तो आप यहीं रूकेंगे”। कभी-कभी मोदी जी मजाक में उनसे पूछते भी हैं, “आप तो केंद्र में मंत्री हैं, तो फिर आप हर हफ्ते नागपुर क्यों जाते हो?” नागपुर की मिट्टी से है इनका खास रिश्ता! आज कई नेता देश की राजनीति में नामी मुकाम रखते हैं, लेकिन काम की होड़ में अपना गांव पीछे छूठ जाता है, लेकिन नितिन जी ने अपनी मिट्टी से नाता उतना ही गहरा रखा है। वे जिन लोगों के साथ पले-बढ़े हैं, उन्हें अपनी महानता की छाया देने से नहीं हिचकिचाते।

     

    देवेंद्र फडणवीस

    पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष,

    महाराष्ट्र विधानसभा