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नयी दिल्ली. एक तरफ बिहार में विधान सभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Election) को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियां अपना राजनीतिक द्वन्द  शुरू कर दिया है। वहीं इन सबके बीच आज  बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Election) का ऐलान किया जा सकता है।

आज चुनाव आयोग (Election Commision) ने दोपहर 12.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी है। खबर ये भी है कि इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान किया जायेगा। वहीं बताया जा रहा है कि बिहार में तीन चरण में चुनाव संभव किया जा सकता है ।

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 29 नवम्बर को समाप्त होगा। आयोग 15 राज्यों में एक लोकसभा सीट और 64 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की घोषणा भी कर सकता है। बिहार में वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर उप चुनाव होना है। वहीं 64 विधानसभा सीटों में मध्य प्रदेश की 27 सीटें शामिल हैं, जहां उप चुनाव होना है। इन 27 सीटों में से अधिकतर कांग्रेस के बागी सदस्यों के पार्टी तथा विधानसभा से इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुईं थीं। 

बिहार में वैसे भी चुनाव थोड़े अलग रंग में होते हैं। वैसे भी इस बार माना जा रहा है बिहार विधानसभा चुनाव, देश के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे अलग, अनूठे और चुनौतीपूर्ण रहेंगे। इसके पहले कोरोना संकट को देखते हुए विधान सभा चुनाव का सभी  विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था। लेकिन फिर चुनाव कराने को लेकर  निर्वाचन आयोग की  दृढ़ता के आगे सभी पार्टियाँ अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।

वैसे भी कोरोना संकट के मध्य यह देश का पहला चुनाव है। जिसके चलते निर्वाचन आयोग ने कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक, अपनी गाइडलाइन्स भी जारी कर दी  है। इसके अनुसार अब मतदान केंद्रों की तादाद पहले से डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ाई गयी। जब यह हुआ तो लिहाजा मतदान कर्मियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन अब हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की तादाद घटा कर संख्या सीमित कर दिया गया है।

यह भी आदेश है कि अब सभी मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं को मास्क लगाकर और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने  को कहा गया है। इसके लिए अब राज्य के हर मतदान केंद्र पर मास्क, हैंडफ्री सेनेटाइजिंग और शरीर का तापमान मापने के इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही अब  मतदान शुरू होने से पहले बूथ को पूरी तरह से सैनिटाइज कर डिसइनफेक्ट करने के भी सख्त आदेश हैं।

चाहे जो हो लेकिन इतना तो तय है निर्वाचन आयोग इतने कठिन समय में भी बिहार में  साफ सुथरे चुनाव करने को लेकर कमर कस चूका है। लेकिन  देखना यह है कि बिहार के लोग और वहां कि राजनीतिक पार्टियाँ, चुनाव आयोग का कितना साथ निभाती हैं।