नयी दिल्ली. देश में इस समय वलयाकार सूर्यग्रहण चल रहा है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में इस खगोलीय घटना के दीदार की चाहत रखने वालों को आसमान में छाए बादलों ने थोड़ा मायूस भी किया। वलयाकार सूर्यग्रहण में सूर्य सोने की अंगूठी जैसा नजर आता है। सूर्यग्रहण सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू हुआ और दोपहर दो बजकर दो मिनट तक चलेगा। रविवार सुबह इसके वलयाकार चरण को देश के उत्तरी हिस्से के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सका जिनमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के इलाके शामिल हैं। इसके संकरे वलयाकार मार्ग में आने वाले कुछ प्रमुख स्थानों में देहरादून, कुरूक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा और सूरतगढ़ हैं। देश के बाकी हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया। दुनिया के अन्य जिन हिस्सों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखा उनमें कांगो, सूडान, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान और चीन हैं।
#SolarEclipse2020 as seen in Kathmandu of Nepal.
As per Nepal’s BP Koirala Memorial, Planetarium Observatory and Science Museum Development Board the solar eclipse will be visible from 10:52 am to 2:32 pm today. pic.twitter.com/4peHmaoVyB
— ANI (@ANI) June 21, 2020
#SolarEclipse2020 as seen in Karachi of Pakistan.
As per Pakistan Meteorological Department, the solar eclipse, which began at 8:46 am local time, will end at 2:34 pm with the greatest eclipse occurring at 11:40 am. pic.twitter.com/ZW2SRDESSe
— ANI (@ANI) June 21, 2020
United Arab Emirates: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Dubai.
The solar eclipse will be visible until 11:12 AM. It will also be visible from Asia, Africa, the Pacific, the Indian Ocean, parts of Europe and Australia. pic.twitter.com/EAGWuVIdBO
— ANI (@ANI) June 21, 2020
दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने कहा कि यहां बादलों के कारण सूर्यग्रहण को देखने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। रत्नाश्री ने कहा कि अगला पूर्ण सूर्यग्रहण दिसंबर 2020 में दक्षिण अमेरिका से देखा जा सकेगा। 2022 में भी एक सूर्यग्रहण पड़ेगा लेकिन भारत से इसे मुश्किल से ही देखा जा सकेगा। कोलकाता में सूर्य ग्रहण का दीदार करने के लिए लोग बड़ी संख्या में अपनी छतों पर जमा हुए। हालांकि यहां भी बादल छाए रहने से आकाशीय घटनाक्रमों में रुचि रखने वालों को थोड़ी मायूसी हुई।
Uttarakhand: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Dehradun.
The solar eclipse will be visible until 1:50 PM with maximum visibility of the eclipse at 12:05 PM. It will be visible from Asia, Africa, the Pacific, the Indian Ocean, parts of Europe and Australia. pic.twitter.com/iugvgwFEYR
— ANI (@ANI) June 21, 2020
Punjab: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Amritsar today. pic.twitter.com/usRHFtjlgP
— ANI (@ANI) June 21, 2020
कोलकाता स्थित एम पी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देबी प्रसाद दुआरी ने कहा कि यहां सूर्य ग्रहण का चरम बिंदु पर दोपहर 12.35 पर रहा। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन पड़ता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और तीनों एक सीध में होते हैं। पूर्ण या वलयाकार सूर्य ग्रहण तब पड़ता है चंद्रमा पूरी तरह सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और परिणामस्वरूप, चंद्रमा के चारों ओर सूर्य का बाहरी हिस्सा दिखता रहता है, जो एक अंगूठी का आकार ले लेता है। यह ‘अग्नि-वलय’ की तरह दिखता है जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहते हैं। रत्नाश्री ने कहा कि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से थोड़े समय के लिए भी नहीं देखा जाना चाहिए और इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है।