नयी दिल्ली. एक तरफ हाथरस (Hathras Rape Case) कांड के चलते उत्तरप्रदेश पुलिस (UttarPradesh Police) और प्रशासन पहले से ही अपनी किरकिरी करवा रही है। जिसके चलते अब विभिन्न राजनेता और राजनीतिक पार्टी अपना विरोध दर्ज करवा रहीं हैं। वहीं अब इस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ने योगी सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग भी कर दी है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) कि मांग है कि सुप्रीम कोर्ट मामले का संज्ञान ले।
दरअसल इस पुरे कांड में उत्तरप्रदेश पुलिस कि तरफ से घनघोर लापरवाही कि गयी है। जहाँ एक तरफ पुलिस ने केस में हमेशा कि तरह ढुलमुल रवैया अपनाया वहीं बाद में पीडिता लड़की की मौत के बाद हाथरस पहुंचकर आधी रात को जबरन अंतिम संस्कार भी कर दिया।
इसी मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “रात को करीब 2।30 बजे पीडिता के परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन ही जला दिया। जब तक वह जीवित थी तब योगी सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी, जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज भी नहीं दे सकी । अब उसके मरने के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दोगुना अत्याचार किया। प्रियंका ने मांग करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।”
रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया।
जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया।
पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
राहुल और अरविंद केजरीवाल ने भी कसा ताना
इधर इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी खामोश नहीं रहे और उन्हीने ट्वीट करते हुए लिखा कि,” भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया जाता है। ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।
भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है।
ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।#HathrasHorrorShocksIndia pic.twitter.com/SusyKV6CfE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2020
इसके साथ ही दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने भी अंतिम संस्कार को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए लिखा कि, “हाथरस की पीड़िता का पहले कुछ वहशियों ने बलात्कार किया और कल पूरे सिस्टम ने बलात्कार किया। पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है।”
हाथरस की पीडिता का पहले कुछ वहशियों ने बलात्कार किया और कल पूरे सिस्टम ने बलात्कार किया। पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 30, 2020
मायावती ने भी प्रकट किया अपना रोष
इस घटना पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा कि, ” यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।”
उन्होंने आगे कहा कि “अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी।”
1. यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2020
जिस प्रकार से तमाम राजनेता और राजनीतिक पार्टियाँ इस कांड पर उत्तरप्रदेश पुलिस कि कार्रवाई पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं उससे यह साफ़ जाहिर होता है कि आनेवाला समय उत्तरप्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ और BJP दोनों के लिए उतना अच्छा साबित न होगा। फिर आगे बिहार चुनाव भी है जिस पर भी शायद उक्त घटना के चलते पार्टी बैकफूट पर जा सकती है।