लद्दाख: लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (Line Of Actual Control) पर तनाव लगातार बरक़रार है. जिसको कम करने के लिए भारत (India) और चीन (China)लगातार कमांडर स्तर पर बैठक कर रहे है. इसी को लेकर छटवी बार दोनों सेनाओं के कमांडर स्तर बैठक हुई जो बेनतीजा निकली. सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार बैठक में भारत ने जोर देकर कहा कि, “चीन को पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई 20 समय से पहले मौजूद स्थिति पर वापस जाने को कहा.”
ज्ञात हो कि भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी पर दोनों देशों के बीच बनी पांच सूत्रीय सहमति को लागू करने के लिए सोमवार को वार्ता हुई.
पिछले पांच महीने से LAC पर चल रहे तनाव बना है. जिसको कम करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बैठक हो चुकी है. इस बैठकों के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। हालांकि भारत और चीन जमीन पर एक दूसरे से बातचीत जारी रखने और स्थिति की उग्रता से बचने के लिए संचार की लाइनों को खुला रखने पर सहमत हुए हैं.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, छठे दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में भारत के चुशूल सेक्टर के पार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ स्थित मोल्डो में सुबह करीब नौ बजे शुरू हुई थी.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई भारतीय सेना की लेह स्थित 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की. सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अफसर और लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी शामिल हैं, जो अगले महीने 14 कॉर्प्स के कमांडर के तौर पर सिंह का स्थान ले सकते हैं.
ऐसा पहली बार हुआ जब इस पर्वतीय क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में विदेश मंत्रालय का एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. इसके अलावा, भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) में भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधि भी शामिल हुए.