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नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) के लाये गए विवादस्पद कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जहाँ विभिन्न किसान संघठन (Farmers Group) लामबंद हैं।  वहीं विश्व समुदाय की आँखों में भी अब यह आन्दोलन आ गया है।  इसी क्रम में आज किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि, “आंदोलन कभी कमजोर नहीं हुआ था, हमारी लड़ाई लगातार  जारी है। ” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 6 फरवरी के चक्के जाम  जरुर किये जायेंगे लेकिन किसान अपनी-अपनी जगहों पर सड़क बंद करेंगे और प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे।   

दरअसल एक निजी मीडिया चैनल से बात करते हुए टिकैत ने कहा है कि 6 फरवरी का चका जाम, दिल्ली-एनसीआर के पास नहीं होगा।  किसान अपनी-अपनी जगहों पर ही सड़क बंद रखेंगे और प्रशासन को हमारा ज्ञापन सौंपेंगे।  इधर दिल्ली की सीमाओं पर लगी बैरिकेडिंग और कीलों पर राकेश टिकैत का कहना था कि वे लोग तो दिल्ली जा ही नहीं रहे हैं।  

राकेश टिकैत का साफ़ कहना था कि, “अब हमारा दिल्ली घेरने का प्लान नहीं है, लेकिन हम किसी दबाव में के आगे भी नहीं झुकेंगे।  26 जनवरी को  पुलिस जबरदस्ती हमसे प्रदर्शनस्थल खाली करवाना चाहती थी, लेकिन पुलिस पीछे रही और उसके गुंडे ही इसमें आगे रहे।  पुलिस अगर हमें उठाएगी तो दिक्कत नहीं है, लेकिन इस कार्य के लिए उनके गुंडे आगे क्यों आ रहे हैं। ” इसके साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत का कहना था कि, “किसानों-जवानों को जो भिड़ाया गया, वो सरासर गलत था।  अगर सरकार को यह लगता है कि दबाव में आंदोलन खत्म हो जाएगा, तो वैसा नहीं होगा।  यह आन्दोलन तो अब बातचीत से ही  खत्म होगा, हम अपने मुद्दों पर अड़े हुए हैं।  हालाँकि दिल्ली में घुसने की हमारी अब कोई योजना नहीं है। “

वहीं गणतंत्र दिवस के दिन निकली ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर राकेश टिकैत ने साफ़ कहा कि, इसकी जांच जरुर से होनी चाहिए, हमारा किसान किसी पर हमला कर ही नहीं कर सकता है।  पुलिसवाले तो हमारे परिवार के ही हैं, लेकिन अगर किसी ने लालकिले आने का ऐलान पहले ही कर दिया तो फिर उसे वहां कैसे आने दिया गया।  इस पूरे प्रकरण की सघन जांच की जानी चाहिए। 

गौरतलब है कि किसान एकता मोर्चा (Kisan Ekta Morcha) ने ऐलान किया है कि आगामी 6 फरवरी को देशभर में 3 घंटे के लिए चक्का जाम (Chakka-Jaam) किया जाएगा। किसान यूनियनों ने छह फरवरी को ‘चक्का जाम’ किये जाने की घोषणा बीते सोमवार को ही की थी। उनका कहना था कि वे अपने आंदोलन स्थलों के निकट क्षेत्रों में इंटरनेट प्रतिबंध, अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न और अन्य मुद्दों के खिलाफ 6 जनवरी को तीन घंटे तक राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर अपना विरोध दर्ज करायेंगे। इसके साथ ही यूनियन के नेताओं ने यहां सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वे आगामी 6 फरवरी की दोपहर 12 बजे से अपराह्र 3 बजे तक सड़कों को अवरुद्ध करेंगे।