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    नयी दिल्‍ली. एक बड़ी खबर के अनुसार अब सुप्रीम कोर्ट ने महिला अभ्यर्थियों के लिए राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के दरवाजे खोल दिए हैं। जी हाँ अदालत ने लड़कियों को आगामी 5 सितंबर को होने वाली परीक्षा में बैठने की जरुरी अनुमति दे दी है। दरअसल एक याचिका में योग्‍य महिला अभ्‍यर्थियों के NDA में दाखिले की अनुमति मांगी गई थी। जिसके चलते अब सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए इसकी इजाजत भी दे दी है। हालांकि NDA में एडमिशन होगा या नहीं, यह फिलहाल अदालत के आखिरी फैसले पर निर्भर करेगा।

    इस मुद्दे पर जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने एक अंतरिम आदेश जारी किया। इस याचिका में कहा गया है कि महिलाओं को NDA जॉइन करने से दूर रखने पर संविधान के अनुच्‍छेद 14, 15, 16 और 17 का उल्‍लंघन होता है। इस पर याचिकाकर्ता के अनुसार, लिंग के आधार पर महिला अभ्‍यर्थियों को NDA में एंट्री के मौके से वंचित रखा जा रहा है। जो कि तर्कसंगत नहीं है 

    अब सैनिक स्‍कूलों में होगी लड़कियों की एंट्री

    पता हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार के स्‍वतंत्रता दिवस पर एक अहम घोषणा की थी। इसके तहत अब अब देश के सभी सैनिक स्‍कूलों में लड़कियां भी एडमिशन ले सकेंगी। गौरतलब है कि, NDA में हर साल पहुंचने वाले लड़कों में ज्‍यादातर सैनिक स्‍कूल के ही होते हैं। ऐसे में अगर NDA में लड़कियों की एंट्री का रास्‍ता अब अगर साफ होता है तो सैनिक स्‍कूल से और महिला कैडे्टस भी NDA में नजर आएंगे।

    अब महिलाओं को भी मिला है रक्षा बलों में परमानेंट कमिशन

    दरअसल बीते 2020 में सैन्‍य बलों की महिला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद परमानेंट कमिशन दिया गया था। पता हो कि अदालत ने बीते साल 2020 की 17 फरवरी को अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि शॉर्ट सर्विस कमिशन की सभी सेवारत महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने पर विचार करे, भले ही उन्होंने ये 14 साल की अवधि पूरी कर ली हो या 20 साल की सेवा की हो। इस पर केंद्र की मोदी सरकार ने बीते नवंबर में इस ऐतिहासिक फैसले पर अमल किया। ज्ञातव्य हो कि इसी फैसले के के बाद मिलिट्री कॉलेज/स्‍कूलों में लड़कियों के एडमिशन की इजाजत देने की मांग भी पुरजोर पकड़ने लगी थी।