Sushant Death Case: case of Sushant's death reached the Supreme Court again, now it is an appeal

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मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत को लेकर हालांकि AIIMS ने अपनी रिपोर्ट में साफ़ कर दिया है कि सुशांत की मौत एक आत्महत्या थी और उनका मर्डर नहीं हुआ था। सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (Postmortam Report) को लेकर पोस्टमॉर्टम के टाइम लिखने पर भी सवाल उठे थे। रिपोर्ट में ‘टाइम ऑफ़ डेथ’ नहीं लिखा गया था। जिससे ये साफ़ नहीं हो पाया था की सुशांत की मौत आखिर पोस्टमॉर्टम होने के लगभग कितने घंटे पहले हुई थी। लेकिन अब खबर कि इस बात से भी पर्दा उठ चूका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुशांत की मौत उनके पोस्टमॉर्टम होने के करीब 10 से 12 घंटे पहले हुई थी।  

रिपोर्ट के अनुसार, इस बात का खुलासा कूपर अस्पताल के उन डॉक्टरों ने किया है जिन्होंने सुशांत का पोस्टमॉर्टम किया था। दरअसल सुशांत की मौत के बाद सबसे पहले इस मामले की जांच मुंबई पुलिस ने की थी। मुंबई पुलिस ने जांच को लेकर कूपर अस्पताल के डॉक्टरों से भी सवाल पूछे थे।  डॉक्टरों ने जवाब दिया कि सुशांत की मौत उनका पोस्टमॉर्टम किए जाने के वक़्त से करीब 10 से 12 घंटे पहले हुई थी।उनका पोस्टमॉर्टम 14 जून की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे किया गया था।  

हैंगिंग मटेरियल पर भी सवाल थे

सुशांत की मौत 14 जून को उनके बांद्रा स्तिथ फ्लैट में हुई थी। जिसके बाद मुंबई की बांद्रा पुलिस ने एडीआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी। मुंबई पुलिस ने सुशांत के घर और क्राइम सीन से वो तमाम चीज़ें ज़ब्त की थीं जो उस समय जांच में अहम साबित हो सकतीं थीं। इन चीज़ों में वो कपड़ा भी मौजूद था जिससे सुशांत अपने रूम में लटके हुए पाए गए थे।

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने कुछ चीज़ें फोरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजीं थीं जिनकी रिपोर्ट उन्हें 27 जुलाई को मिलीं थीं। रिपोर्ट में उस कुर्ते के संबंध में फॉरेंसिक रिपोर्ट भी मिली थी, जिसमें कुर्ते के स्ट्रेंथ की जांच की गई थी। इस कुर्ते से सुशांत लटके हुए मिले थे। सवाल था कि क्या इसमें बोझ उठाने जैसी मजबूती थी? रिपोर्ट के मुताबिक, कुर्ता 200 किलो तक का वजन आसानी से उठा सकता था, जबकि सुशांत का वजन इससे आधे से भी कम था. इसके साथ ही कुर्ते के फाइबर की भी जांच की गई और यही फाइबर सुशांत के गले के इर्द गिर्द भी मिला था।  

फाइंडिंग्स पर मुंबई पुलिस को हैरानी नहीं 

मुंबई पुलिस कमिश्नर ने सोमवार को कहा कि, उन्हें AIIMS के पैनल की फाइंडिंग्स को लेकर बिलकुल भी हैरानी नहीं है क्योंकि मुंबई पुलिस की जांच में ये सब बातें पहले ही सामने आयीं थीं। मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह (Param Bir Singh) ने कहा, “वो सभी जिन्होंने बिना किसी सूचना के हमारी जांच की आलोचना की, विभिन्न चैनलों पर जाकर टिप्पणियां कीं, मैं उन्हें यह उजागर करने की चुनौती देता हूं कि वे जो कुछ जानते हैं बताएं। जांच पूरी तरह से गोपनीय थी। यह सभी निहित स्वार्थों और एक प्रेरित अभियान के बारे में था।”