पश्चिम बंगाल में ISF के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में विवाद, आनंद शर्मा ने उठाया सवाल

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    नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में जीत के लिए कांग्रेस ने महागठबंधन (Grand Alliance) तैयार किया है। जिसमें वाम पार्टियों (Left Parties) के साथ-साथ मौलाना अब्बास सिद्दीकी (Abbas Siddiqui) की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (Indian Secular Front) को शामिल किया गया है। लेकिन इसको लेकर अब पार्टी के अंदर ही विवाद हो गया हैं। पार्टी की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने आईएसएफ के साथ गठबंधन को लेकर सवाल उठाया है और बंगाल प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Choudhary) से सफाई देने की मांग की है।

    ISF से गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ 

    शर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।”

    एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।”

    अधीर रंजन ने दी सफाई 

    पार्टी के वरिष्ठ नेता द्वारा किए आरोप पर चौधरी ने सफाई देते हुए कहा, “वे पार्टी की तरफ से राज्य के प्रभारी हैं, कोई भी निर्णय बिना मंजूरी से नहीं लेते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “आईएसएफ के साथ गठबंधन को लेकर शीर्ष नेतृत्व ने अपनी रजामंदी दी थी, उसके बाद गठबंधन किया गया।”

    शर्मा जी 23 नेताओं में शामिल

    आनंद शर्मा उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने नेतृत्व के बदलाव को लेकर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया को पत्र लिखा था। पिछले कई दिनों ने शर्मा पार्टी में नेतृत्व बदलाव को लेकर बात कर रहे हैं। इसी को लेकर इन नेताओं ने दी दिन पहले जम्मू कश्मीर के जम्मू में एक रैली भी की जिसमें पार्टी को नेतृत्व को लेकर कई संदेश दिए।