नई दिल्ली. गाजा (Gaza) के एक अस्पताल में विस्फोट में लगभग 500 लोगों की मौत के कुछ दिनों बाद, भारत ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सख्ती से पालन करने का आह्वान किया और इजराइल-हमास संघर्ष (Israel-Hamas War) में नागरिकों के हताहत होने पर चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने सात अक्टूबर को इजराइल के शहरों पर हमास के हमले का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सभी तरह के आतंकवाद से निपटने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत तेल अवीव से पांच उड़ानों में लगभग 1,200 भारतीय और 18 नेपाली नागरिक भारत आए हैं।
स्थिति पर नजर रख रही है भारत सरकार
बागची ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है तथा और लोगों को वापसी की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। बागची ने कहा, “हमने इजराइल पर हुए भीषण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है और हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सभी तरह के आतंकवाद से निपटने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।” फलस्तीन मुद्दे पर उन्होंने कहा, “भारत दो-राष्ट्र समाधान के लिए सीधी बातचीत के पक्ष में रहा है।” बागची ने कहा, “जहां तक फलस्तीन का संबंध है, इस संबंध में हमारी नीति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है। भारत ने हमेशा इजराइल के साथ सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के अंदर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फलस्तीन की स्थापना के लिए सीधी वार्ता की बहाली और इसके साथ-साथ इजराइल के साथ शांतिपूर्ण संबंध की वकालत की है। यह रुख यथावत है।”
#WATCH | Delhi: On operation Ajay, MEA spokesperson Arindam Bagchi says, “1200 Indians have come back in five flights under operation Ajay, including 18 Nepali nationals…” pic.twitter.com/rC9Kh8zpvp
— ANI (@ANI) October 19, 2023
गाजा में अस्पताल पर हुए हमले में 500 लोगों की मौत
बागची ने कहा, “हमने जारी संघर्ष के कारण नागरिकों के हताहत होने के संबंध में भी अपनी चिंता व्यक्त की है। हम मानवीय स्थिति के बारे में भी चिंतित हैं।” गाजा में मंगलवार को अल अहली अस्पताल पर हुए हमले से संबंधित सवालों पर बागची ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का कड़ाई से पालन करने का आग्रह करते हैं।”
अल अहली अरब अस्पताल में हुए विस्फोट में लगभग 500 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा हुई है। फलस्तीनी अधिकारियों ने अस्पताल में विस्फोट के लिए इजराइल के हवाई हमलों को दोषी ठहराया। वहीं इजराइल ने कहा कि आतंकवादी समूह फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद द्वारा गाजा से दागे गए रॉकेट के कारण विस्फोट हुआ था।
PM मोदी ने व्यक्त किया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाजा के अस्पताल पर हमले में लोगों की मौत पर बुधवार को दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संघर्ष में आम नागरिकों का हताहत होना गंभीर चिंता का विषय है और इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “गाजा के अल अहली अस्पताल में लोगों की दुखद मौत से गहरा सदमा लगा है। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “जारी संघर्ष में आम नागरिकों का हताहत होना गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है। इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।”
फलस्तीनी लोगों को मानवीय सहायता को लेकर एक सवाल पर बागची ने कहा कि भारत उनका समर्थन करता रहा है। उन्होंने कहा, “भारत संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) में महत्वपूर्ण योगदान के माध्यम से फलस्तीन और फलस्तीनी शरणार्थियों का सहयोग कर रहा है। 2002 और 2023 के बीच यूएनआरडब्ल्यूए में कुल 2.95 करोड़ अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया गया है।” बागची ने कहा, “यूएनआरडब्ल्यूए में भारत का वार्षिक योगदान 2018 में 12.5 लाख अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 50 लाख अमेरिकी डॉलर कर दिया गया था। भारत ने अगले दो वर्षों (वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2024-25) के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर का वार्षिक योगदान देने का वादा किया है।”
जंग में 3,300 से अधिक लोगों की मौत
इजराइल और हमास के बीच लड़ाई तब शुरू हुई, जब गाजा पट्टी से सशस्त्र हमास आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को जमीन, हवा और समुद्र से इजराइल पर अचानक हमला किया। हमलों का बदला लेने के लिए इजराइल ने गाजा में बड़े पैमाने पर जवाबी हमला शुरू कर दिया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से गाजा में 3,300 से अधिक लोग मारे गए हैं और 12,000 से अधिक घायल हुए हैं। इजराइल में लगभग 1400 लोग मारे गए हैं और 3,800 घायल हुए हैं। एक सवाल पर बागची ने कहा कि किसी भी भारतीय के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है और एक भारतीय महिला, जो घायल हुई थी, ठीक हो रही है। हमास के हमलों में केरल की एक नर्स को चोटें आई थीं। (एजेंसी)