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नई दिल्ली/अयोध्या: जहां अयोध्या (Ayodhya) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Inaugration) में अब बस कुछ गिनती के कुछ दिन रह गए हैं। वहीँ आगामी सोमवार, 22 जनवरी को इस अतिमहत्वपूर्ण समारोह में कौन आएगा, कौन नहीं, किसको निमंत्रण भेजा  गया, किसे नहीं, बस इस पर ही इस पर सबकी निगाहें हैं। 

वे सुप्रीम कोर्ट के 5 जज, जिन्होंने दिया था फैसला 

इसी बीच अब वे 5 सुप्रीम कोर्ट के जज, जिनके ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर (Ram Temple) बनने का रास्ता साफ हुआ था, उनको भी क्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। इस चर्चा के विषय में अब पूरी तरह स्पष्टता आ चुकी है।

दरअसल अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक 55 पन्ने की गेस्ट लिस्ट सामने आई है, जिसमें उन VIP, नामचीन लोगों का जिक्र है जिन्हें अयोध्या में आगामी 22 जनवरी के समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। इस लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट के उन पांच ख़ास जजों के भी नाम शुमार हैं जिन्होंने राम जन्मभूमि के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था। 

जानकारी दें कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई करने वाले पांच जज जिन्हें आगामी 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र भेजा गया है, वे हैं – पूर्व CJI रंजन गोगोई, पूर्व CJI शरद अरविंद बोबडे, CJIडीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस। अब्दुल नजीर।

क्या था सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला?

जानकारी दें कि बीते 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का अंतिम फैसला हुआ था। तब अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो 2.77 एकड़ की विवादित जमीन है, वह रामलला की जन्मभूमि है। ऐसे में कोर्ट ने इस जमीन को उस ट्रस्ट को सौंपने का फैसला सुनाया था जिसे भारत सरकार ने बाद में बनाया। 

इसके साथ ही अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा था कि, वह एक अलग 5 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दे ताकि बोर्ड एक मस्जिद भी वहां बना सके। पता हो कि, बीते 6 दिसंबर 1992 को एक भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढा दिया था। इसके बाद से जैसे राम मंदिर आंदोलन ने दूसरा रूख ले लिया था। वहीं अब आगामी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में इसी जगह हो रही है।