Rabri Devi filed nomination for Legislative Council elections

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पटना. बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन जमा कराने के अंतिम दिन सोमवार को राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत कुल आठ उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया। राबड़ी देवी के अलावा, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से तीन, उसके गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के एक उम्मीदवार ने पर्चा भरा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष मंगल पांडे सहित पार्टी के तीन उम्मीदवारों ने भी आज नामांकन पत्र जमा कराया। राबड़ी देवी अपने पति एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और बेटे तेजस्वी यादव तथा तेज प्रताप यादव के साथ नामांकन दाखिल करने विधानसभा सचिवालय पहुंचीं। पर्चा दाखिल करने वालों में राबड़ी देवी के अलावा अब्दुल बारी सिद्दीकी, सैयद फैसल अली और उर्मिला ठाकुर तथा भाकपा (माले) की शशि यादव शामिल हैं।

बिहार में विपक्षी महागठबंधन के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, “यह खुशी की बात है कि हमारे गठबंधन ने तीन महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है।” राबड़ी जहां लगातार तीसरी बार उच्च सदन के लिए चुनावी मैदान में उतरी हैं, वहीं सिद्दीकी कई बार विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं और उन्होंने 1990 के दशक में परिषद में तीन साल का लंबा कार्यकाल बिताया था। तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) के सहयोगी एवं लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान के महागठबंधन में शामिल होने की अटकलों से संबंधित संवाददाताओं के सवाल को टाल दिया। हालांकि, भाकपा माले नेता महबूब आलम ने संवाददाताओं से कहा, “चिराग को अपना रुख स्पष्ट करने दें। उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान हमारे सहयोगी रहे हैं। अगर वह भी भाजपा को छोड़ने का फैसला करते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।”

इस मौके पर मौजूद कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान से परिषद चुनाव में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दिए जाने पर दल के कुछ नेताओं द्वारा असंतोष व्यक्त किये जाने के बारे में सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी लोकतांत्रिक है और सभी लोगों को अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति है। लेकिन यह कोई मुद्दा नहीं है। हमने हाल ही में अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजा है। अब हम अपने गठबंधन सहयोगी भाकपा माले की मदद कर रहे हैं।”

बिहार विधान परिषद की जिन 11 सीट पर चुनाव होने हैं उनका कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है। इनमें से एक सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेम चंद्र मिश्रा का कब्जा है। प्रेम चंद मिश्रा ने विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं उतारने तथा गठबंधन के उम्मीदवारों को समर्थन देने के पार्टी के निर्णय पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा, “मैंने हमेशा पार्टी के निर्णयों को सर्वोपरि माना है, उसका सम्मान किया है। आज भी वही किया है।”

मिश्रा ने यहां एक बयान में कहा, “गठबंधन की राजनीति में कई बार अपने हितों की बलि देनी पड़ती है और विचारधारा को आगे रखना पड़ता है। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है।” सत्तारूढ़ राजग के उम्मीदवार मंगल पांडेय, अनामिका सिंह पटेल और लाल मोहन गुप्ता ने उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की उपस्थिति में आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। उन्होंने गत चार मार्च को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के विधान पार्षद खालिद अनवर के साथ अपना नामांकन भरा था। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 14 मार्च है और यदि आवश्यक हुआ तो मतदान 21 मार्च को होगा। (एजेंसी)