Rape
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    नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (UP) के नोएडा (Noida) में रेप का ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बाद सोमवार को 81 साल का एक स्केच आर्टिस्ट को गिरफ्तार किया है। दरअसल, इस शख्स पर 17 साल की नाबालिग लड़की के साथ ‘डिजिटल रेप’ (Digital Rape) करने का आरोप लगा है। नाबालिग की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (रेप), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) और पॉक्सो एक्ट की धारा 5 और 6 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अब ‘डिजिटल रेप’ का नाम सुनकर लोगों के मन में यह ख्याल आ रहा है कि, भला डिजिटल रेप का मतलब क्या होता है, तो चलिए जानते हैं। 

    इंटरनेट से नहीं है संबंध 

    नोएडा के इस मामले के सामने आने से ‘डिजिटल रेप’ पर एक बार फिर बहस छिड़ चुकी है। असल में डिजिटल रेप का नाता इंटरनेट से नहीं है। दरअसल, डिजिटल का नाम सुनते ही लोगों के मन में यह ख्याल आ रहा है कि, इसका नाता सोशल मीडिया, इंटरनेट से होगा। लेकिन ऐसा नहीं है, यह एक तरह का रेप ही होता है, जिसमें ज़्यादातर नाबालिगों को अपना शिकार बनाया जाता है। वहीं कई बार तो ऐसा भी होता है कि, छोटी बच्चियां समझ नहीं पाती कि आखिर उनके साथ हुआ क्या है या क्या हो रहा?

    क्या होता है डिजिटल रेप?

    भारत में साल 2012 से पहले डिजिटल रेप को परिभाषित नहीं किया गया था। लेकिन, निर्भया केस के बाद डिजिटल रेप को परिभाषित किया गया। जिसके बाद डिजिटल रेप को भी रेप के कैटेगरी में डाला गया। डिजिटल रेप की परिभाषा यह है कि, अगर कोई शख्स किसी लड़की या महिला की बिना सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट्स को अपने उंगलियों या अंगूठे से छेड़ता है, तो उसे ‘डिजिटल रेप’ कहा जाता है। वहीं पुलिस के अनुसार, अंग्रेजी में उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली को भी डिजिट कहा जाता है, इसलिए इस तरह के तरीके को डिजिटल रेप की कैटेगरी में रखा गया है। 

    छोटी बच्चियों को ज़्यादा खतरा 

    वैसे तो ‘डिजिटल रेप’ का कोई भी लड़की या महिला शिकार हो सकती है। लेकिन, इससे सबसे ज़्यादा खतरा नाबालिग बच्चियों और अबोध को रहता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि नाबालिग या छोटी बच्चियों को इस तरह की हरकत को समझना पाना काफी मुश्किल होता है। इसलिए भारत में अभी भी डिजिटल रेप के मामले बेहद कम केस दर्ज होते हैं। जबकि, आंकड़ों कहते हैं कि अकेले साल 2020 में 2655 मामले 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप के दर्ज हुए थे।

    क्या था नोएडा का केस? 

    यूपी के नोएडा में डिजिटल रेप का जो मामला सामने आया है, जिसमें 81 साल के आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इसमें आरोप है कि नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न तब शुरू हुआ, जब वह केवल 10 वर्ष की थी। इस मामले का आरोपी एक 81 वर्षीय कलाकार है। इस मामले में पीड़िता आरोपी के लिव इन पार्टनर के एक कर्मचारी की बेटी बताई जाती है, जिसे बेहतर शिक्षा के लिए साल 2015 में उस दंपति के साथ रहने के लिए भेजा गया था।

    निर्भया के बाद रेप की परिभाषा

    निर्भया केस के बाद साल 2013 के बाद रेप का मतलब अब केवल इंटरकोर्स तर सीमित नहीं रह गया है। बल्कि, अब एक महिला के मुंह, योनि या गुदा में किसी भी हद तक प्रवेश को भी रेप करार दिया गया है। इसमें लिंग के अलावा उंगली, शरीर के दूसरे अंग और वस्तु का इस्तेमाल भी शामिल है। ऐसे में यौन शोषण के विभिन्न तरीकों को अपराध में शामिल कर लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों को कानूनी रूप से मज़बूत करने की कोशिश की गई है और तभी से डिजिटल रेप को भी परिभाषित किया गया है।