ram-mandir

Loading

लखनऊ: देखा जाए तो बीते कुछ दिनों से अयोध्या (Ayodhya) बहुत ज्यादा सुर्खियों में है। हो भी क्यों न, दरअसल यहां पर राम मंदिर (Ram Mandir) का भव्य निर्माण हो रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि, बहुत जल्द ही ये भव्य और सुंदर मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा। इस बाबत स्थानीय मीडिया की माने तो इस शानदार तीन मंजिला राम मंदिर का निर्माण कार्य आगामी दिसंबर के अंत तक पहले चरण का काम पूरा होने की अपार संभावना है।

Ayodhya's Ram katha Museum's to provide complete information on Ram Mandir Movement

क्या बोले नृपेंद्र मिश्रा  
वहीं अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी दी है। दरअसल, नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि राममंदिर में 12 घंटे में 70000 से 75000 लोग बड़े आराम से रामलला के दर्शन कर पाएंगे। उन्‍होंने कहा कि, अगर मंदिर 12 घंटे के लिए खुलता है तो लगभग 75000 लोग रामलला के दर्शन कर सकते हैं, जिसका मतलब है यह है कि एक भक्त लगभग एक मिनट तक रामलला का दर्शन कर सकेगा। हालांकि उन्होंने ये भी अनुमान दिया है कि अगर एक दिन में 1.25 लाख भक्तों की भीड़ जुटती है तो दर्शन के समय की अवधि लगभग 20 सेकंड कम हो सकती है।

कब होंगे रामलला के दर्शन 
इसके साथ ही अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि, भगवान राम के बाल रूप के दर्शन सभी तीर्थयात्री 26 जनवरी से पहले निश्चित रूप से कर सकेंगे। हालांकि नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी कहा कि, “मैं आपको इसके सटीक तारीख नहीं बता पाऊंगा, क्योंकि यह प्राण प्रतिष्ठा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी के लिए PMO द्वारा घोषित तारीख पर निर्भर करेगा, जो अभी तय नहीं किया गया है।

 

कब होगा मंदिर तैयार 
इस मौके पर नृपेंद्र मिश्रा ने ये भी जानकारी दी कि,सभी लोग यही जानना चाहते हैं कि मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा, उनका सपना कब साकार होगा। तो मंदिर का निर्माण दो भागों में पूरा होगा। उनके अनुसार पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा होगा। इसके आलावा उन्होंने ये भी बताया कि ग्राउंड फ्लोर पर पांच मंडप होंगे जबकि इसकी शुरुआत में ग्राउंड फ्लोर पर पांच मंडप होंगे। बता दें कि, यह पूरा परिसर लगभग 2.6 एकड़ जमीन में फैला हुआ है।

ऐसा होगा मंदिर का स्वरूप
विस्तार से जानकारी दें तो, इसमें पहला भाग मंदिर का भूतल होगा, जो लगभग 2।6 एकड़ भूमि का है। इस भूतल में पांच मंडप हैं, जो गर्भगृह-गर्भगृह से शुरू होते हैं, जहां भगवान राम की स्थापना की जाएगी। वहां इस भूतल पर 160 स्तंभ हैं, और प्रत्येक स्तंभ पर विभिन्न रूपों के 25 प्रतीकात्मक कार्य हैं। निचले चबूतरे पर काम, जो राम कथा बताता है, यह पत्थर पर नक्काशी पर आधारित है, और यह वाल्मीकि रामायण से लिया गया है। इसका कार्य लगभग 50% पूरा हो गया है।

‘मंदिर’ निर्माण में नहीं होगा सरकारी खर्च
नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी कि, PM मोदी जरुरी परियोजनाओं की जिम्मेदारी उन लोगों को ही सौंपते हैं, जिन्हें वास्तव में काम करना होता है। इसलिए इस भव्य मंदिर को ट्रस्ट को सौंपा गया था। उन्होंने जानकारी दी कि, इस ट्रस्ट में कोई सरकारी पैसा नहीं है। इन 71 एकड़ के क्षेत्र में UP सरकार या केंद्र सरकार के खजाने से एक पाई भी खर्च नहीं होगी। यह सब जनता के चंदे से ही हो रहा है। कुछ तो ऐसे भी भक्त हैं, जिन्होंने दस करोड़, पचास करोड़ रुपये तक का चंदा दिया है और इस तरह से ट्रस्ट के पास लगभग 3500 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं।अयोध्या में इस समय राम मंदिर का निर्माण तेज रफ्तार से चल रही है।