Supreme Court
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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की उस याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिये टाल दी, जिसमें अडाणी समूह द्वारा शेयर की कीमत में हेरफेर के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने का समय मांगा गया है। 

बाजार विनियामक की याचिका और जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई समय की कमी और अपराह्न तीन बजे विशेष पीठ के समक्ष कुछ मामलों की पूर्व निर्धारित सुनवाई के कारण आज नहीं हो सकी। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने 12 मई को कहा था कि वह शेयर की कीमतों में हेराफेरी और नियामक खुलासे में चूक के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए सेबी को तीन महीने का और समय देने पर विचार करेगी।

इस बीच, सेबी ने इस मुद्दे की जांच के लिए और समय मांगने के लिए अतिरिक्त कारण बताते हुए एक प्रत्युत्तर हलफनामा दायर किया। उसने कहा, “सेबी द्वारा समय बढ़ाने के लिए दायर आवेदन का मतलब निवेशकों और प्रतिभूति बाजार के हित को ध्यान में रखते हुए न्याय सुनिश्चित करना है, क्योंकि पूर्ण तथ्यात्मक सामग्री के बिना मामले का कोई भी गलत या समय से पहले निष्कर्ष न्याय के उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा और इसलिए कानूनी रूप से अस्थिर होगा।” बाजार नियामक ने जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने की अपनी दलील को सही ठहराने के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट में संदर्भित लेनदेन की जटिलताओं का हवाला दिया है।