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नई दिल्ली. जहां एक तरफ तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udaynidhi Stalin) के सनातन धर्म को दिए बयान पर हुआ बवाल अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ था। वहीं अब इस बयान पर अनेकों राजनेताओं के अलग-अलग रिएक्शन आ रहे हैं। लेकिन इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे (Priyank Kharge) ने भी उदयनिधि की ताल से ताल मिलाया है। दरअसल अब प्रियंक खरगे का कहना है कि, जो धर्म समानता को नहीं मानता है, वह धर्म नहीं बल्कि एक बीमारी है।

दरअसल जब उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर प्रेस ने प्रियंक खरगे से सवाल हुआ, तो उन्होंने कहा कि, “कोई भी धर्म जो समानता को आगे नहीं बढ़ाता है या आपके मनुष्य होने की गरिमा का ध्यान नहीं रखता है तो वो मेरे हिसाब से धर्म ही नहीं है। जो भी धर्म आपको बराबरी नहीं देता है और इंसान नहीं मानता है, वह एक बीमारी की तरह ही है।”

वहीं ANI के विडियो में कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे साफ़ कहते हुए दिख रहे हैं कि, “कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपको इंसान होने का सम्मान मिले, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है।कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी के समान है।”

बता दें कि, उधर तमिलनाडु CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। लोगों ने इसे बेवजह नरसंहार से जोड़ा है। जानकारी हो की उदयनिधि स्टालिन ने बीते 2 सितंबर को चेन्नई में आयोजित हुए एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी दी थी। 

दरअसल उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी। उदयनिधि ने कहा- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना बहुत जरूरी होता है।