Amit Shah

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    नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में पेश किए गए वर्ष 2022-23 के आम बजट को ‘‘दूरदर्शी” करार दिया और दावा किया यह यह भारत की अर्थव्यवस्था का ‘‘स्केल” बदलने वाला साबित होगा। बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि यह बजट भारत को ‘‘आत्मनिर्भर” बनाने के साथ ही स्वतंत्रता के 100वें वर्ष के नए भारत की नींव डालेगा।”

    शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत का बजट” कोरोना के बाद वैश्विक आर्थिक जगत में उत्पन्न हुए अवसरों का दोहन करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा, ‘‘बजट का आकार बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ करना, कोरोना काल में भी भारत की तेज़ी से बढती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत करना बहुत बड़ी उपलब्धि है।  

    उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत राजकोषीय घाटे को चार प्रतिशत से नीचे लाने में सफल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार द्वारा लाया गया यह बजट, एक दूरदर्शी बजट है, जो भारत की अर्थव्यवस्था का स्केल बदलने वाला बजट साबित होगा।” शाह केंद्र सरकार में सहकारिता मंत्री भी हैं। पिछले साल नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था।

    शाह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने सहकारिता क्षेत्र में एएमटी रेट को 18.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से 7 प्रतिशत घटाकर, दशकों तक सहकारिता क्षेत्र के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करके उसे बाकी क्षेत्रों के बराबर लाने का काम किया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मोदी जी के सहकार से समृद्धि के संकल्प को सिद्ध करने का काम करेगा।”

    बजट में कृषि क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीरो बजट खेती, प्राकृतिक खेती, नदियों को जोड़ना, एक स्टेशन-एक उत्पाद और किसान ड्रोन जैसे विभिन्न प्रयास किसानों को लाभ देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को आधुनिक व आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभायेंगे। उन्होंने पूंजीगत निवेश को 35 प्रतिशत बढाकर 7.5 लाख करोड़ करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की और कहा कि राज्यों को दी जाने वाली राशि को 15000 करोड़ से बढ़ाकर 1 लाख करोड़ करना संघीय ढांचे को निरंतर मजबूती देने के उनके प्रयासों को प्रमाणित करता है।

    शाह ने कहा कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए सभी 1.5 लाख डाकघरों को कोर बैंकिंग से जोड़ने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को बहुत लाभ मिलेगा। साथ ही डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंक भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘गरीबों के जीवनस्तर को बेहतर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी संकल्पित हैं। इसी संकल्प को गति देते हुए उन्होंने हर घर जल योजना में 60000 करोड़ रुपये से 3.83 करोड़ घरों को शुद्ध पेयजल और पीएम आवास योजना में 48000 करोड़ रुपये से 80 लाख गरीबों को घर देने का निर्णय लिया है।”

    उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों का विकास मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और पूर्वोत्तर के लिए ‘‘पीएम डेवलपमेंट इनिशिएटिव” की घोषणा, वहां के राज्यों को समृद्ध करने की प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुकूल है। (एजेंसी)