नई दिल्ली: दिल्ली के कोर्ट (Delhi High Court) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले, कोर्ट ने ईडी और केजरीवाल दोनों पक्षों को सुनकर रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं, ईडी ने केजरीवाल की 10 दिन की रिमांड मांगी थी। बता दें कि बीते दिन जांच एजेंसी ने दिल्ली शराब नीति मामले (Delhi Liquor Policy Case) में 2 घंटे पूछताछ के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था।
राउज एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि केजरीवाल को 28 मार्च को दोपहर दो बजे अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत ने मामले में 10 दिन की हिरासत का अनुरोध करने वाले प्रवर्तन निदेशालय के अर्जी पर आदेश पारित किया।
#WATCH | Delhi CM Arvind Kejriwal taken from Rouse Avenue court after his ED remand hearing.
Arvind Kejriwal has been sent to ED custody till March 28 by the court. pic.twitter.com/6oCOooKo0g
— ANI (@ANI) March 22, 2024
अदालत ने मामले में 10 दिन की हिरासत का अनुरोध करने वाले प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर यह आदेश दिया। इससे पहले, ईडी ने अदालत से केजरीवाल को 10 दिन की हिरासत में देने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह शराब घोटाले के मामले में अन्य मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ ‘मुख्य षडयंत्रकारी’ थे। आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय से याचिका वापस लिए जाने के तुरंत बाद केजरीवाल को निचली अदालत में पेश किया गया।
ईडी ने राउज एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा से कहा कि केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने और उसे लागू करने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत के तौर पर कई करोड़ रुपये प्राप्त हुए। एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने अदालत में कहा कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ के कुछ आरोपियों से 100 करोड़ रुपये मांगे थे। उन्होंने कहा कि धन के लेन-देन से पता चला कि गोवा चुनाव में इस्तेमाल की गई 45 करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ चार हवाला मार्गों से आई थी।
ईडी ने कोर्ट में कहा, “इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि घोटाला और धोखाधड़ी हुई है। गोवा चुनाव के लिए फंड जुटाने के लिए आबकारी नीति में बदलाव किया गया। अभियोजन मामले का परीक्षण किया गया है और सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी चीजों को परखा और मनीष सिसौदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। जांच में कई परत हैं हमें इस मामले में तह तक जाना है।”
ईडी ने कहा, “इस मामले में भारी संख्या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को नष्ट करने का इतिहास है। बड़ी संख्या में फोन नष्ट हो गए हैं। इसके बावजूद ईडी ने शानदार जांच की है। ED ने कहा की केजरीवाल को कंफ्रंट करवाना है, मनी ट्रेल की रिकवरी करनी है, यह रिमांड देने के लिए फिट केस है।”