Arvind Kejriwal did not appear for questioning even on the sixth summons of ED

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) सोमवार को आबकारी नीति मामले (Delhi Excise Policy Case) से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश नहीं हुए। उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) ने ईडी के छठे समन को ‘अवैध’ बताते हुए कहा कि एजेंसी को केजरीवाल को बार-बार समन भेजने के बजाय अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। केजरीवाल को ईडी ने छठी बार समन भेजा है। केजरीवाल द्वारा इस मामले से संबंधित कई समन को नजरअंदाज करने पर जांच एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में शहर की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में पत्रकारों से कहा कि ईडी को कानून के मुताबिक जवाब दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कानून के मुताबिक जवाब दे रहे हैं। अब, ईडी ने अदालत में मामला दायर किया है और उसे कोई नया समन जारी करने से पहले अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।” राउज एवेन्यू अदालत ने शनिवार को केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर शिकायत के संबंध में केजरीवाल को दिन भर के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी थी।

केजरीवाल के वकील द्वारा दायर आवेदन में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 15 फरवरी से शुरू हो गया है और मार्च के पहले सप्ताह तक चलेगा। यह भी कहा गया कि केजरीवाल अदालत के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख 16 मार्च को उपस्थित होंगे। केजरीवाल समेत आप नेतृत्व आरोप लगाता रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली में उनकी सरकार गिराने और पार्टी को खत्म करने के लिए उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है।

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि अदालत ने भी माना है कि केजरीवाल को ईडी की ओर से भेजा गया समन वैध था और उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए। सचदेवा ने कहा कि यदि केजरीवाल अदालत के बयान के बावजूद ईडी के समन को अवैध बताते हैं तो यह अदालत की अवमानना होगी।  इस मामले में अब तक आप नेता सिसोदिया और सिंह के अलावा पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी द्वारा उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को नया समन जारी करने की उम्मीद है।