Manipur CM N Biren Singh

Loading

इंफाल. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur CM N Biren Singh) के इंफाल पूर्व के लुवांगसांगबाम स्थित निजी घर पर गुरुवार (28 सितंबर) रात उग्र भीड़ ने हमला करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने भीड़ को 100 मीटर दूर ही रोक दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को खदेड़ दिया। पुलिस ने सीएम के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि यह घर खाली था। यहां सीएम के परिवार का कोई सदस्य नहीं था।

मणिपुर भाजपा अध्यक्ष के घर पर भी हमला

इससे पहले बुधवार को उग्र भीड़ ने मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी के घर पर उग्र भीड़ ने बुधवार को हमला किया था। भीड़ ने उनके घर पर पथराव किया जिससे उनकी बहन और उनके देवर की बेटी जख्मी हो गई है।

मणिपुर में फिर क्यों भड़की हिंसा

गौरतलब है कि मणिपुर में जुलाई से लापता हुए एक लड़के और लड़की (दोनों मैतेई समुदाय के) के शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद हिंसा फिर भड़क गई है। इंफाल वेस्ट में एक उग्र भीड़ ने उपायुक्त (डीसी) कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो वाहनों में आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों-सुरक्षाबलों की झड़प

अधिकारियों ने बताया कि गत रात उरीपोक, यैसकुल, सगोलबंद और टेरा इलाकों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई जिसके कारण सुरक्षा बल को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों को रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने से रोकने के लिए टायर जलाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि भीड़ ने उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो चार पहिया वाहनों को फूंक दिया।

65 प्रदर्शनकारी घायल

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने स्थिति को काबू में किया। इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में सुरक्षाबलों के हिंसक प्रदर्शनों से निपटने के बीच कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया है। इन प्रदर्शनों में मंगलवार से लेकर अब तक 65 प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। इस बीच, पुलिस ने बताया कि थौबल जिले के खोंगजाम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय में आग लगा दी गई।

भीड़ ने पुलिस वाहन को बनाया निशाना, हथियार छीना

मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि भीड़ ने एक पुलिस वाहन को निशाना बनाया तथा उसमें आग लगा दी जबकि एक पुलिसकर्मी से मारपीट की और उसका हथियार छीन लिया। उसने कहा कि ऐसे अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छीने गए हथियारों को बरामद करने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश अभियान चलाया गया है। मणिपुर के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुरक्षाबलों से किशोरों पर “मनमाने ढंग से” लाठीचार्ज न करने, आंसू गैस के गोले न छोड़ने और रबड़ की गोलियां न चलाने का अनुरोध किया है।

मणिपुर में हिंसक घटनाओं में 180 की मौत

गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)