Manipur BJP President

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इंफाल. मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) रुकने का नाम नहीं ले रही है। यहां दो छात्रों की मौत को लेकर हिंसक प्रदर्शन जारी है। इस बीच राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष ए शारदा देवी के घर पर एक उग्र भीड़ ने बुधवार को हमला बोल दिया। भीड़ ने उनके घर पर पथराव किया जिससे उनकी बहन समेत दो लोगों को चोट लग गई।

हम सब डरे हुए हैं

शारदा देवी ने कहा, “हमें मणिपुर के और भी दूसरे हिस्सों से भाजपा ऑफिस पर हमले होने की खबर मिल रही है। 27 सितंबर को भीड़ ने मेरे घर को घेर लिया और घर पर पत्थरबाजी की। एक पत्थर उड़कर आया और मेरी बहन को लगा, जिससे वो चोटिल हो गई। इसके अलावा मेरे देवर की बड़ी बेटी को भी पैर में पत्थर लगा है। उन्होंने कहा कि यहां हालात इतने बुरे हैं कि हम सब डरे हुए हैं। मुझे लग रहा है कि आज उग्र भीड़ मेरा भी घर जला देगी।”

Manipur violence
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युवाओं को गलत तरीके से बहकाया जा रहा है

देवी ने कहा, “युवाओं को गलत तरीके से बहकाया जा रहा है। भीड़ मुझे लेकर इसलिए गुस्सा थी क्यों उन्हें बताया गया कि भाजप अध्यक्ष ने महिलाओं को नग्न कर घूमाने वाली घटना की निंदा की लेकिन दो मैतई छात्रों की हत्या वाली घटना पर कुछ नहीं कहा। लेकिन ऐसा नहीं है। मैं मणिपुर के किसी भी हिस्से में हो रहे गलत की निंदा कर रही हूं।”

भाजपा कार्यालय को बनाया जा रहा टारगेट

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “उग्र भीड़ भाजपा कार्यालय को टारगेट कर रही है। वो भीड़ नहीं चाहती कि भाजपा ने जो अच्छे काम किए हैं वो जारी रहें। मुझे जानकारी मिली कि आज उग्र भीड़ मेरा घर जला देगी। आज फिर मेरे घर पर भीड़ इकठ्ठा होगी, ये तय है। अब पूरा माहौल राजनितिक हो गया है। भीड़ को कोई तो है जो भड़का रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।”

क्या है मामला

गौरतलब है कि मणिपुर में जुलाई से लापता हुए एक लड़के और लड़की (दोनों मैतेई समुदाय के) के शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद हिंसा फिर भड़क गई है। इंफाल वेस्ट में एक उग्र भीड़ ने उपायुक्त (डीसी) कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो वाहनों में आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों-सुरक्षाबलों की झड़प

अधिकारियों ने बताया कि गत रात उरीपोक, यैसकुल, सगोलबंद और टेरा इलाकों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई जिसके कारण सुरक्षा बल को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों को रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने से रोकने के लिए टायर जलाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि भीड़ ने उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो चार पहिया वाहनों को फूंक दिया।

65 प्रदर्शनकारी घायल

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने स्थिति को काबू में किया। इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में सुरक्षाबलों के हिंसक प्रदर्शनों से निपटने के बीच कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया है। इन प्रदर्शनों में मंगलवार से लेकर अब तक 65 प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। इस बीच, पुलिस ने बताया कि थौबल जिले के खोंगजाम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय में आग लगा दी गई।

भीड़ ने पुलिस वाहन को बनाया निशाना, हथियार छीना

मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि भीड़ ने एक पुलिस वाहन को निशाना बनाया तथा उसमें आग लगा दी जबकि एक पुलिसकर्मी से मारपीट की और उसका हथियार छीन लिया। उसने कहा कि ऐसे अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छीने गए हथियारों को बरामद करने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश अभियान चलाया गया है। मणिपुर के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुरक्षाबलों से किशोरों पर “मनमाने ढंग से” लाठीचार्ज न करने, आंसू गैस के गोले न छोड़ने और रबड़ की गोलियां न चलाने का अनुरोध किया है।

Manipur Violence
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मणिपुर में हिंसक घटनाओं में 180 की मौत

गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)