नई दिल्ली: एकतरफ जहा सरकार के प्रस्ताव के बाद किसान आंदोलन के जल्द खत्म होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। तो वहीं दूसरी और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि प्रस्ताव में ऐसी कई चीजें हैं जो साफ नहीं है। इसलिए फिलहाल आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, “सरकार ने प्रस्ताव दिया की वह हमारी मांगे मानेंगे और हमें अब विरोध ख़त्म कर दें चाहिए। लेकिन अभी प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमें कुछ आशंकाएं हैं जिन पर कल दोपहर दो बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है, यहीं रहेगा।”
Govt proposed that they will agree to our demands and that we should end the protest…but the proposal is not clear. We have our apprehensions which will be discussed tomorrow at 2 pm…Our movement is not going anywhere, will be here…: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/t7X2ePbRn5
— ANI (@ANI) December 7, 2021
किसान नेता ने बैठक के बाद कहा कि, सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। गृह मंत्रालय से हमारे पास प्रस्ताव आया है। लेकिन एमएसपी पर कमेटी को लेकर कुछ आपत्ति है। आंदोलन वापसी की शर्त पर भी एतराज है। आंदोलन वापसी पर ही केस वापस लेने की बात की गई है। हम सरकार की शर्त मानने को तैयार नहीं हैं।
वहीं किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि, “निर्णय बुधवार को होने वाली बैठक के बाद लिया जाएगा। अभी तक सरकार की तरफ से भेजे गए मसौदे पर पुर तरह सहमति नहीं हुई है।”
उधर, एक अन्य किसान नेता और एसकेएम के सदस्य ने कहा कि, ”बुधवार को आंदोलन समाप्त होने की संभावना है क्योंकि किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से कुछ सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।” हालांकि, बुधवार को एसकेएम की एक और बैठक के बाद अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी।
करे मामले वापस लेने की शुरुआत
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से ये भी कहा गया कि, जो केस वापस लेने की बात है, उसपर सरकार की तरफ से कहा गया है कि आंदोलन वापस लेने के बाद केस वापस लेने की शुरुआत होगी। हरियाणा में 48,000 लोगों पर मामले दर्ज़ हैं और भी देशभर में मामले दर्ज़ हैं। सरकार को तुरंत मामले वापस लेने की शुरुआत करनी चाहिए।
Govt's proposal says after we end the movement, then only will they withdraw cases (against farmers)… We're apprehensive about it..Govt should immediately begin with the (cases' withdrawal) procedure. Final decision to be taken at tomorrow's meeting at 2 pm:Samyukt Kisan Morcha pic.twitter.com/dWbrDHnVNn
— ANI (@ANI) December 7, 2021
5-5 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी
वहीं, गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि, आंदोलन में 700 से अधिक किसानों ने जान गंवाई है, जिनके लिए पंजाब सरकार ने 5 लाख रुपये मुआवजा और परिवार में एक को सरकारी नौकरी की बात की है। यही मॉडल केंद्र सरकार को भी लागू करना चाहिए।
For compensation to over 700 deceased farmers' kin, we want the Centre to follow Punjab model; Rs 5 lakh compensation and a job as announced by Punjab govt should be implemented by Govt of India as well: Gurnam Singh Charuni, BKU pic.twitter.com/2lIuQVWMl1
— ANI (@ANI) December 7, 2021