नई दिल्ली. बिहार (Bihar) से मिली बड़ी खबर के अनुसार, जेल से ताजा-ताजा बाहर आए, यहां के पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) एक बार फिर बिहार के सियासी रंग में फिर से रंगे नजर आ रहे हैं।
दरअसल अररिया के फारबिसगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में उनके जेल से बाहर आने का विरोध करने वालों पर वे जमकर बरसे। जी हां, यहां उन्होंने अपने विरोधियों पर जमकर हमला करते हुए कहा कि यह देश किसी की जागीर नहीं है। सबने इसे लहू से सींचा है। मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं और बिना किसी शिकायत के 15 साल से ज्यादा जेल की सजा काट चुका हूं।।। अगर सरकार को लगता है कि मैं दोषी हूं तो मैं में निश्चित रूप से फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।”
#WATCH | Bihar: “This country is nobody’s property. Everybody has irrigated it with blood. I believe in law & Constitution and served a jail term of more than 15 years without any complaint… I am ready to get hanged if the govt believes that I am guilty,” says Former MP Anand… pic.twitter.com/KGtQ4algSx
— ANI (@ANI) May 12, 2023
जानकारी दें कि, दिवंगत IAS अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने बिहार के नेता आनंद मोहन की समय से पहले रिहाई को को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। वहीं पूर्व IAS अधिकारी को साल 1994 में बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन के नेतृत्व में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। आनंद मोहन को बिहार के जेल नियमों में संशोधन के बाद गुरुवार सुबह मोहन को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया था।
यह भी बता दें कि, आनंद मोहन का नाम उन 20 कैदियों में शामिल है, जिन्हें जेल से रिहा करने के लिए राज्य के कानून विभाग ने इस हफ्ते की शुरूआत में एक अधिसूचना जारी की थी क्योंकि वे जेल में 14 वर्षों से अधिक समय बिता चुके हैं। वहीं मामले पर बिहार जेल नियमावली में राज्य की महागठबंधन सरकार द्वारा 10 अप्रैल को संशोधन किये जाने के बाद सजा घटा दी गई, जबकि ड्यूटी पर मौजूद लोकसेवक की हत्या में संलिप्त दोषियों की समय पूर्व रिहाई पर पहले पाबंदी थी।
उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के रहने वाले जी। कृष्णैया की 1994 में एक भीड़ ने उस वक्त पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, जब उनके वाहन ने मुजफ्फरपुर जिले में गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा से आगे निकलने की कोशिश की थी। तत्कालीन विधायक आनंद मोहन भी शवयात्रा में शामिल थे।