नई दिल्ली. बिहार (Bihar) से आ रही बड़ी खबर के अनुसार अब यहां भी मंकीपॉक्स (Monkey Pox) का पहला संदिग्ध मरीज मिल चूका है। उक्त रोगी महिला पटना सिटी के गुडहट्टा एरिया की निवासी है। दरअसल, PMCH की माइक्रो वायरोलॉजी विभाग की टीम सैंपल लेने मरीज के घर पहुंची है। अब ईसिस महिला में मंकीपॉक्स के सभी लक्षण मिले हैं।
इधर अब स्वास्थ्य विभाग इस केस को संदिग्ध मान रहा है। इसलिए इसकी जांच कराई जा रही है। हालाँकि महिला की ट्रैवल हिस्ट्री का भी अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। गौरतलब है कि देश में अब तक मंकीपॉक्स के कुल 4 मरीज मिले चुके हैं। हाल ही दिल्ली में केस मिला था। बाकी तीन केस केरल राज्य से हैं।
क्या है मंकीपॉक्स ?
मंकीपॉक्स दरअसल मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। वहीं मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में भी पहुंच जाता है।
दर्ज जानकारी के अनुसार, मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा भी माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है।