Toolkit sparked debate again, BJP made allegations, then Congress retaliated

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    नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हिन्दू और हिंदुत्व को लेकर दिए बयान पर भारतीय जनता पार्टी आग बबूला हो गई है। पार्टी प्रवक्ता संबित पत्र ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता का आयोजन कर कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। पत्र ने कहा, “राहुल गांधी ने हिन्दू धर्म पर प्रहार किया है। यह पूरी तरह सोच समझ के किया जा रहा है।”

    संबित पात्रा ने कहा, “बड़ा दुखद विषय है कि 24 घंटे के भीतर हिंदू धर्म के ऊपर तीन बार प्रहार कांग्रेस पार्टी द्वारा होता है।” उन्होंने कहा, “सलमान खुर्शीद, अलवी शाहब और अब स्वयं उनके सबसे बड़े नेता राहुल गांधी द्वारा किया जाता है।”

    पात्रा ने लिखा, “राहुल गांधी जी ने सलमान खुर्शीद के वक्तव्य के ऊपर, उनकी किताब के ऊपर अपनी सफाई रखी है।उन्होंने हिंदू धर्म और हिंदुत्व के ऊपर प्रहार किया है। ये कांग्रेस और गांधी परिवार का चरित्र रहा है कि जब भी उनको मौका मिलता है तो वे हिंदू धर्म पर प्रहार करते हैं।”

    राहुल ने खुद कहा उनकी पार्टी मुसलमानों की

    पात्रा ने कहा, “17 दिसंबर 2010 को राहुल गांधी जी ने कहा था कि देश को आतंकवाद से ज्यादा खतरा हिंदुओं से है।पी चिदंबरम जी ने 25 अगस्त 2010 को पहली बार भगवा आतंकवाद शब्द का प्रयोग किया था।” उन्होंने कहा, “एक अखबार ने राहुल गांधी जी का वक्तव्य छापा था कि हां हम मुसलमानों की पार्टी हैं।”

     ये संयोग नहीं प्रयोग है

    भाजपा नेता ने कहा, “जब सलमान खुर्शीद हिन्दू धर्म के विरोध में कहते हैं, उसको बोको हराम और ISIS से कंपेयर करते हैं या जब शशी थरूर हिन्दू तालिबान कहते हैं या जब भगवा आतंकवाद कहा जाता है, जो शब्द दिग्विजय सिंह जी और मणिशंकर अय्यर हिन्दू धर्म के खिलाफ प्रयोग करते हैं। दरअसल ये संयोग नहीं प्रयोग है।”

    राहुल गांधी के इशारे पर होरहा ये सब 

    भाजपा नेता ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “प्रयोगशाला के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी के पढ़ाने और कहने के बाद शशी थरूर, सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर जैसे लोग हिन्दू धर्म के विरोध में अनर्गल वक्तव्य देते हैं।”

    उन्होंने कहा, “एक ऐसा वक्त था जब राहुल गांधी जी ने कहा था- मंदिर जाने वाले लड़कियां छेड़ते हैं। हिंदू धर्म में मंदिर जाने वाले लफंगे होते हैं। राहुल गांधी चुनाव से ठीक पहले मंदिर जाते हैं। वो वोट मांगने जाते हैं। वो वोट की राजनीति करने जाते हैं।”