Amanmani Tripathi

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    नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में भाजपा (BJP) की ओर से सपा पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह लगातार अपराधियों को टिकट दे रही है। लेकिन भाजपा भी स्वयं अब अमनमणि त्रिपाठी की उम्मीदवारी की वजह से इन आरोपों के घेरे में आती दिख रही है। हालांकि उसने अमनमणि त्रिपाठी (Amanmani Tripathi) को स्वयं टिकट नहीं दिया है। लेकिन उसके सहयोगी निषाद पार्टी ने अमनमणि त्रिपाठी को महाराजगंज की नौतनवा सीट से उम्मीदवार बनाने का मन बनाया है। इससे भाजपा और निषाद पार्टी के बीच तकरार उत्पन्न हो गई है।

    भाजपा नहीं चाहती है कि जब वह सपा पर अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगा रही है। उस समय भाजपा या उसके सहयोगी दल से किसी अपराधी को टिकट मिले। जिससे उसका हमला कुंद हो जाए। लेकिन इससे सपा को एक अवसर मिल गया है। उसने भाजपा से सवाल किया है कि क्या वह अपना दामन साफ रखते हुए सहयोगी दल से अपराधियों को टिकट दिला रही है। अगर ऐसा नहीं है तो वह अमनमणि त्रिपाठी की उम्मीदवारी पर चुप क्यों हैं।

    अमनमणि त्रिपाठी पर अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोप है। वह इस समय जमानत पर बाहर है। उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी भी अपनी पत्नी के साथ मधुमिता शुक्ला हत्याकांड की वजह से जेल में बंद है। एक समय इस हत्याकांड ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल उत्पन्न कर दिया था। कवियत्री मधुमिता शुक्ला के साथ अमरमणि त्रिपाठी के संबंध बताए जाते थे। यह कहा गया कि जब मधुमिता शुक्ला ने उन पर दबाव बनाया तो उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में अमरमणि त्रिपाठी को उनकी पत्नी के साथ जेल जाना पड़ा।

    सपा ने आरोप लगाया है कि अमनमणि त्रिपाठी को भाजपा ने ही निषाद पार्टी से टिकट दिलाया है। वह अपने दामन को साफ रखते हुए अपराधियों को टिकट दिलाने का काम कर रही है। इसके लिए भाजपा के एक बड़े नेता ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

    सपा ने सवाल किया है कि एक अपराधी को सहयोगी दल से टिकट दिलाने के एवज में भाजपा ने क्या हासिल किया है। इसको लेकर उसे जनता को जवाब देना चाहिए। दिल्ली में भाजपा के एक बड़े नेता ने कहा कि इस मामले में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। वह सहयोगी दल निषाद पार्टी से इसको लेकर बात करेगी।