सीडीएस बिपिन रावत को मरणोपरांत मिला पद्म विभूषण, आजाद और सच्चिदानंद स्वामी भी हुए सम्मानित

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    नई दिल्ली: भारत के पहले चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ (Cheif of Defense Staff) रहे जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) को मरणोपरांत पद्म विभूषण अवार्ड से नवाजा गया। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने रावत की दोनों बेटियों को यह सम्मान सौंपा। इसी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद और शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले सच्चिदानंद स्वामी को पद्मा भूषण से सम्मानित किया गया।

    25 जनवरी को हुआ था नामों का एलान

    केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया था। कुल 128 नामों का चयन किया गया था। इस साल पद्म विभूषण के लिए कुल चार नाम चुने गए, जबकि 17 हस्तियों के नाम पद्म भूषण के लिए चुने गए थे। इसके अलावा 107 लोगों को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया।

    पद्म पुरस्कार कोई सरकार नहीं बल्कि देश देता है

    पद्मा पुरस्कार मिलने लेने के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा, “देश काम को पहचानता है। अच्छा लगता है जब मेरे काम को पहचान मिलती है। यह मुझे देश के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है… हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि पुरस्कार किसने प्राप्त किया और किसने दिया। पद्म पुरस्कार कोई सरकार नहीं बल्कि देश देता है।”

    इन्हे मिला पुरुस्कार: