PRGYAN-ROVER
Pic: Social Media

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नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार ISRO ने बीते शनिवार 02 सितंबर को जानकारी दी कि, प्रज्ञान रोवर (Prghyan Rover) ने अपना काम पूरा कर लिया है। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर स्लीप मोड में सेट किया गया है। इसमें लगे दोनों पेलोड APXS और LIBS अब बंद हैं। वहीं इन पेलोड से डेटा लैंडर के जरिए पृथ्वी तक भी पहुंचा दिया गया है।

यह भी जानकारी दी गई, बैटरी भी पूरी तरह से चार्ज है। वहीं रोवर को ऐसी दिशा में रखा गया है कि, आगामी 22 सितंबर 2023 को जब चांद पर अगला सूर्योदय होगा तो सूर्य का प्रकाश सीधे सौर पैनलों पर पड़े। इसके रिसीवर को भी फिलहाल ‘ON-MODE’ पर रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी 22 सितंबर को ये फिर से काम करना शुरू करेगा।

पता हो कि, चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। वहीं रोवर-लैंडर सूर्य की रोशनी में तो पावर जनरेट कर सकते हैं, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस इसमें रुक जाएगी। ऐसे में पावर जनरेशन के नहीं होने से इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।

ISRO द्वारा पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार,  रोवर ने शिवशक्ति लैंडिंग पॉइंट से 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। वहीं लैंडर और रोवर के बीच की दूरी का ग्राफ भी शेयर किया था। इधर विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था। रोवर को यह दूरी तय करने में करीब 10 दिन का समय लगा है।