
नई दिल्ली: पेट्रोल (Petrol) के ऊंचे दाम और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के महंगा होने के कारण भारतीय उपभोक्ताओं के लिए संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) ईंधन एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर रही हैं। सलाहकार और समाधान प्रदाता कंपनी नोमुरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (NRI) ने अपनी रिपोर्ट ‘स्वच्छ गतिशीलता का मार्ग: भारत में प्राकृतिक गैस वाहनों की बढ़ती पैठ’ में यह बात कही गई है।
एनआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में सीएनजी वाहनों की संख्या 55 प्रतिशत बढ़कर 2,65,383 इकाई हो गई, जो 2020-21 में 1,71,288 इकाई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले पांच वर्षों में सीएनजी वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है और सालाना आधार पर इनकी हिस्सेदारी मार्च, 2022 तक 5.3 प्रतिशत बढ़कर 37.97 लाख इकाई की हो गई।
यह संख्या मार्च, 2018 तक 30.90 लाख इकाई की थी। एनआरआई ने एक बयान में कहा, ‘‘अन्य ईंधन की तुलना में कुल कीमत में बढ़ते हुए अंतर को देखते हुए सीएनजी भारत चरण-छह श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए प्रमुख ईंधन के रूप में उभर रही है।” कंपनी ने कहा, ‘‘भारत में तकनीक अब अच्छे से स्थापित हो गई है और प्रमुख मूल उपकरण विनिर्माता कम लागत और ईंधन दक्षता वाले सीएनजी वाहनों की एक श्रृंखला लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सीएनजी ईंधन के बुनियादी ढांचे में सुधार और नियामकों के समर्थन जैसे अनुकूल कारण…..सीएनजी वाहनों की संख्या में वृद्धि को मदद दे रहे हैं। (एजेंसी)