Government approved domestic chartered flights, issued guidelines
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    बेंगलुरु. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) के कारण दुनियाभर में दहशत का माहौल है। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका से बेंगलुरु (Bengaluru) आए दो लोग कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाए गए। हालांकि, अभी तक दोनों के सैंपल में ओमिक्रॉन के होने की पुष्टि नहीं हुई है। दोनों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं। वहीं दोनों लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है।

    सूत्रों का कहना है कि भारत में ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है। वहीं कर्नाटक के मंत्री आर अशोक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “दक्षिण अफ्रीका से 1000 से अधिक लोग आए हैं। इन सभी की कोरोना टेस्ट की गई है। जो लोग पहले ही बेंगलुरु या कहीं और आ चुके हैं, उनका 10 दिन बाद एक और टेस्ट किया जाएगा।”

    उधर, बेंगलुरु ग्रामीण क्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि, “584 लोग 10 उच्च जोखिम वाले देशों से बेंगलुरु आए थे। वहीं 1 से 26 नवंबर तक यहां दक्षिण अफ्रीका से कुल 94 लोग आए हैं। उनमें से दो लोगों (भारतीय नागरिक) की 11 और 20 नवंबर को COVID-19 रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। हमने इसे अनुक्रमण के लिए भेजा और पता चला कि यह डेल्टा संस्करण है।”

    बता दें कि पिछले एक हफ्ते में बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और इजराइल जैसे देशों में कोरोना के वैरिएंट के मामले सामने आए हैं। इसके मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने शनिवार को कहा कि हवाई अड्डों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि इन देशों से शहर की यात्रा करने वालों को नकारात्मक कोविड परीक्षण रिपोर्ट होने के बावजूद जांच से गुजरना होगा, और उन्हें नकारात्मक जांच के बाद ही हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी।

    स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, “कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी उन्हें घर पर रहना होगा और सात दिनों के बाद उन्हें एक बार फिर से टेस्ट करानी होगी और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद, कोई भी बाहर जा सकता है।”

    कोविड के अधिक संक्रामक वैरिएंट ‘बी.1.1.1.529’ के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सूचित किया गया था, और बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजराइल और ब्रिटेन में भी इसकी पहचान की गई है।

    वहीं WHO की एक सलाहकार समिति ने इस वैरिएंट को ‘बेहद तेजी से फैलने वाला और चिंताजनक’ करार दिया है और इसे ग्रीक वर्णमाला के तहत ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है।

    दरअसल WHO की ओर से बीते शुक्रवार को की गई यह घोषणा पिछले कुछ महीनों में वायरस के नए प्रकार की कैटिगरी में पहली बार की गई है। पता हो कि इसके पहले इसी कैटिगरी में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी रखा गया था जिसका प्रसार दुनियाभर में हुआ था और भारत में भी दूसरी लहर के लिए इसे ही जिम्मेदार बताया गया था।

    गौरतलब है कि WHO की एक आपातकालीन बैठक के बाद इनके द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि, “कोविड -19 महामारी विज्ञान में एक हानिकारक परिवर्तन का संकेत प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर, टीएजी-वीई ने WHO को सलाह दी है कि इस संस्करण को चिंता के प्रकार (VOC) के रूप में नामित किया जाना चाहिए और WHO ने बी। 1। 1529 को इस रूप में नामित किया है। इस नए VOC का नाम ‘ओमीक्रॉन’ (Omicron) रखा गया है।