नई दिल्लीः दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। सीबीआई की (CBI) विशेष अदालत ने धन शोधन मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की न्यायिक हिरासत बढ़ाने से इनकार कर दिया है। क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने के चलते न तो उन्हें पेश किया गया और न ही कानूनी रूप से अदालत के समक्ष उनका प्रतिनिधित्व किया गया। न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि, अगर सत्येंद्र जैन को फिजिकली कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता है तो, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के द्वारा पेश करवाया जाना चाहिए।
विदित है कि, सत्येंद्र जैन मनी लांड्रिंग केस में दिल्ली की अदालत ने उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी थी। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता को विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनकी चिकित्सा स्थिति दिखाने वाले दस्तावेजों के अभाव में आरोपी को केवल इस आधार पर जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता कि वह ‘स्लीप एपनिया’ से पीड़ित हैं। अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो, वह रसूखदार पद पर होने के चलते सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। जिसके चलते कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
गौरतलब है कि, इस पेशी के पहले मंत्री सत्येंद्र जैन को ऑक्सीजन लेवल में गिरावट के चलते उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करावाया गया था। मंत्री सत्येंद्र को प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मई को गिरफ्तार किया था। धनशोधन कानून की धाराओं के तहत उनको न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, जिसकी अवधि आज ही समाप्त होनी है। अब कोर्ट ने ईडी को वीडियो कांफ्रेस के जरिए सत्येंद्र जैन को पेश करने को कहा है।