नई दिल्ली. बीते 9 दिसंबर को तवांग (Twang Valley) में भारत और चीन (India China) के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने एक बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में तीनों सेनाओं के चीफ और सीडीएस भी शामिल होंगे। साथ ही बैठक में रक्षा सचिव और विदेश सचिव भी मौजूद रहेंगे। जानकारी दें कि, तवांग सेक्टर में 9 और 11 दिसंबर को हिंसक झड़प हुई है। इस जोरदार झड़प में दोनों देशों के जवान घायल हुए हैं।
वही अब भारत-चीन संघर्ष पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में तवांग झड़प पर आज बयान देने वाले हैं। इस बाबत राजनाथ सिंह दोपहर आज 12 बजे लोकसभा में फिर 2 बजे राज्यसभा में अपना बयान देंगे।
राजनाथ सिंह को रिपोर्ट
मिली खबर के मुताबिक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सुरक्षा स्थिति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी देंगे। सुरक्षा बलों ने उन्हें हाल ही में तवांग में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हुई झड़पों के बारे में भी अपडेट किया है।
Chief of Defence Staff Gen Anil Chauhan, Services Chiefs to brief Defence Minister Rajnath Singh on the security situation along the Line of Actual Control with China. The security forces updated him recently on the clashes between troops of both sides in Tawang: Defence Sources pic.twitter.com/hwMAvQI0ps
— ANI (@ANI) December 13, 2022
संसद में बयान दे सकते हैं राजनाथ सिंह
वहीं यह भी बताया जा रहा है कि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में भी तवांग झड़प पर बयान दे सकते हैं। जानकारी दें कि आज आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसदराघव चड्ढा ने संसद में भारत चीन में हुई झड़प का मुद्दा उठाया है।इतना ही नहीं राघव चड्ढा ने संसद में Suspension Notice दाखिल किया है और सदन का कार्य रोक इस अहम विषय पर बहस की भी मांग उठी है।
Defence Minister Rajnath Singh will make a statement today in Parliament: Government Sources
(File photo) pic.twitter.com/zZHUrdzNam
— ANI (@ANI) December 13, 2022
ये है मसला
जानकारी हो कि, बीते 9 दिसंबर को पेट्रोलिंग के दौरान तवांग सेक्टर में दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने हो गईं थी। मामले पर मिली खबर के मुताबिक, विवाद की असल शुरुआत चीन की तरफ से की गई। वहीं भारत के जांबाज सैनिकों ने फिर जवाबी कार्रवाई में चीन के 300 सैनिकों को यहां से खदेड़ दिया। दरअसल अरुणाचल प्रदेश के तवांग को चीन तिब्बत का ही एक हिस्सा मानता है। वहीं तवांग भी चीन की फाइव फिंगर्स ऑफ़ तिब्बत पॉलिसी में आज भी शामिल बताया जाता है।