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नई दिल्‍ली: संसद के मानसून सत्र 2023 के नौवें दिन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक आज लोकसभा में पेश होगा। इसके पेश होने से ठीक पहले इसमें अहम बदलाव हुआ है। विधेयक में अध्यादेश की धारा 3ए को हटा दिया गया है। विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश करने के लिए लिस्टेड है। गृहमंत्री अमित शाह इस बिल को पेश लोक सभा में ले आएंगे। 

क्या है धारा  3ए ?
यह धारा राज्य विधानसभा को ‘सेवाओं’ पर कोई भी कानून बनाने से रोकती थी। दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के लिए एक प्राधिकार के गठन को अध्‍यादेश लाया गया था। विधेयक अध्यादेश की जगह लेगा। इसमें अध्यादेश के सभी प्रमुख प्रावधान शामिल हैं।

विधेयक में क्यों किया बदलाव
विधेयक पेश होने के ऐन समय पर बदलाव को लेकर ये माना जा रहा है कि इस बदलाव का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट का वह सवाल है,  पूछा गया था कि क्या ‘सेवाओं’ के मामले में राज्‍य की भूमिका को एकदम खारिज किया जा सकता है?  गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय दिल्ली से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर तत्काल इस विधेयक को लाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए सदन में अपनी बात रखेंगे।

 विरोध कर रही केजरीवाल सरकार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली सर्विसेज बिल यानी ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को मंजूरी दी थी। यह 19 मई को केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरोध में हैं।

केंद्र सरकार 19 मई को  लाई थी अध्‍यादेश
केंद्र सरकार की ओर से यह अध्यादेश 19 मई को भी लाया गया था। इससे एक सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण प्रदान कर दिया था। हालांकि, उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिए गए। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे।

इस अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे दी गई शक्तियों का उपयोग करेगा और सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा।