Draft of Uniform Civil Code was handed over to Uttarakhand Chief Minister Dhami

Loading

देहरादून: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित समिति ने शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मसौदे के दस्तावेज सौंप दिए। यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्ष और उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने यूसीसी का मसौदा मुख्यमंत्री धामी को सौंपा। प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी कार्यक्रम में उपस्थित थीं।

इस दौरान न्यायाधीश देसाई (सेवानिवृत्त) के अलावा न्यायाधीश प्रमोद कोहली (सेवानिवृत्त), सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की उप कुलपति सुरेखा डंगवाल भी मौजूद रहीं। यूसीसी पर विधेयक पारित कराने के लिए पांच फरवरी से उत्तराखंड विधानसभा का चार दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है।

विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश करने से पहले मसौदे पर राज्य मंत्रिमंडल में भी चर्चा की जाएगी। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान उनकी पार्टी ने जनता से वादा किया था कि नयी सरकार का गठन होते ही सबसे पहले यूसीसी लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने वादे के अनुरूप सरकार बनते ही उस दिशा में कदम बढ़ाया और यूसीसी का मसौदा बनाने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की। उन्होंने बताया कि इस समिति ने दो उपसमितियां भी बनायीं एक- इसका प्रारूप तैयार करने के लिए और दूसरी जनसंवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए।

धामी ने कहा कि मसौदा तैयार करने के लिए समिति ने 72 बैठकें कीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी पहली बैठक प्रदेश के उस दूरस्थ क्षेत्र चमोली जिले के सीमांत माणा गांव में हुई जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले गांव की संज्ञा दी है। धामी ने कहा कि वहां समिति का जनजाति समूह के लोगों के साथ संवाद हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी देश का ऐसा पहला कार्यक्रम है जिसमें प्रदेश के करीब 10 प्रतिशत परिवारों की राय ली गयी और उनके विचारों को संकलित किया गया। धामी ने कहा, ‘‘लोगों की राय जानने के लिए एक वेब पोर्टल भी बनाया गया।

पोर्टल में 2.33 लाख लोगों ने अपने विचार दिए और इस प्रकार प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के विचार इसमें सम्मिलित हुए। ” मुख्यमंत्री ने समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उसके सदस्यों ने बहुत परिश्रम किया और विभिन्न स्थानों पर जाकर लोगों के विचार संकलित किए। धामी ने जनता का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार किसी राजनीतिक दल को लगातार दूसरी बार अपनी सेवा का मौका दिया। धामी ने कहा कि यूसीसी को कानून बनाने के संबंध में जल्द औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मसौदे का विधिक परीक्षण और अध्ययन किया जाएगा , फिर इस पर चर्चा की जाएगी। विशेष रूप से बुलाए गए विधानसभा के इस सत्र में इसे (यूसीसी का मसौदा) रखेंगे और कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।” यूसीसी पर विधेयक लाना 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था। मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी गयी थी। यूसीसी राज्य में सभी नागरिकों को उनके धर्म से परे एकसमान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा। अगर यह लागू होता है तो उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है।

(एजेंसी)