नई दिल्ली: परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने जम्मू कश्मीर विधानसभा (Jammu & Kashmir Assembly) का परिसीमन पूरी कर चुकी है। आयोग ने राज्य की लोकसभा और विधानसभा के लिए प्रस्ताव भी जारी कर दिया है। इसी के साथ जारी प्रस्ताव पर सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गई है। जिसके बाद से यह चर्चा शुरू हो गई है कि आने वाले कुछ दिनों में राज्य में चुनाव कराये जा सकते हैं।
आयोग ने जारी किये प्रस्ताव पर 21 मार्च तक सुझाव और आपत्ति मंगाई है। जारी किये प्रस्ताव के अनुसार आयोग ने राज्य में लोकसभा की पांच सीट रखी है। जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कोई भी सीट आरक्षित नहीं है। इसी के साथ राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या बढ़ाते हुए 90 सीट तय किये गए हैं। जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए के लिए क्रमशः सात से नौ सीटें रखी गई है। यह पहली बार होगा जब जम्मू और कश्मीर में एससी और एसटी के लिए आरक्षित होंगी।
पीओके के लिए 24 सीट
परिसीमन आयोग राज्य विधानसभा के लिए 114 सीट तय किये गए हैं। जिसके तहत 90 सीटों पर चुनाव होगा। वहीं 24 सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लिए तय किया गया है। परिसीमन आयोग का काम अंतिम चरण में चल रहा है। इसी क्रम में आयोग के सदस्य 28 मार्च को राज्य का दौरा करने वाले हैं। अपने इस दौरे में समिति राज्य की जमीनी हकीकत को जानने की कोशिश करेगी।
ज्ञात हो कि, पांच अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था। इसी के साथ गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में राज्य पुनर्गठन कानून में पेश किया था। जिसके बाद राज्य को दो भागों में बांट दिया गया। जम्मू कश्मीर को जहां विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया। वहीं लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया। वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हैं।