SC on Gyanvapi Masjid
सुप्रीम कोर्ट

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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति (AIEMC) की वह याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी, जिसमें ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) की 2021 से सुनवाई कर रही एकल न्यायाधीश की पीठ से मामला वापस लेने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के प्रशासनिक फैसले को चुनौती दी गई थी।

एकल-न्यायाधीश की पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद वाली जगह पर एक मंदिर बहाल करने का अनुरोध करने वाले वाद के सुनवाई योग्य होने को चुनौती दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी की दलीलें सुनने के बाद कहा, ‘‘मामला खारिज किया” जाता है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए…उच्च न्यायालयों में यह एक बहुत ही मानक प्रथा है। यह उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के दायरे में होना चाहिए।” अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा एकल न्यायाधीश पीठ से मामले को वापस लिए जाने और इसे किसी अन्य पीठ को सौंपे जाने को चुनौती दी थी। प्रधान न्यायाधीश ने याचिका खारिज करने से पहले मामले को स्थानांतरित करने के कारणों का अवलोकन किया और कहा कि वह इसे खुली अदालत में नहीं पढ़ना चाहते।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 अक्टूबर को एआईएमसी की याचिका पर सुनवाई आठ नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा था कि उसने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण ‘‘पूरा” कर लिया है, लेकिन रिपोर्ट का मसौदा तैयार करने के लिए उसे और समय चाहिए। इसके बाद दो नंवबर को वाराणसी की एक अदालत ने एएसआई को 17 नवंबर तक का समय दिया था। एएसआई को पहले छह नवंबर तक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सौंपनी थी। (एजेंसी)