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    नई दिल्ली. रेलवे में सफर के दौरान अक्सर सीनियर सिटिजंस (Senior Citizens) के लिए ट्रेनों में लोअर बर्थ (Lower Berth) बुक कराई जाती है। पर कई बार ऐसा होता है कि टिकट बुकिंग के समय सीनियर सिटिजन के लिए लोअर बर्थ को बुकिंग रिकवेस्ट के बावजूद उन्हें लोअर बर्थ की बजाय कभी मिडिल बर्थ तो कभी अपर बर्थ है। इससे सीनियर सिटिजंस को यात्रा के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है।   

    वरिष्ठ नागरिकों को क्यों नहीं मिली लोअर बर्थ?

    दरअसल कुछ दिन पहले एक यात्री ने भारतीय रेलवे को ट्विटर पर ये सवाल पूछा था और कहा था ऐसा क्यों है, इसे ठीक किया जाना चाहिए। यात्री ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए लिखा है कि सीट आवंटन को चलाने का क्या तर्क है, मैंने तीन सीनियर सिटिजंस के लिए लोअर बर्थ प्रेफरेंस के साथ टिकट बुक की थीं, तब 102 बर्थ मुहैया थीं, बावजूद इसके उन्हें मिडिल बर्थ, अपर बर्थ और साइड लोअर बर्थ दी गईं। आपको इसे सुधारना चाहिए। 

    IRCTC ने ये दिया जवाब 

     IRCTC ने अब यात्री के इस सवाल पर सफाई देते हुए कहा, महोदय, लोअर बर्थ/सीनियर सिटिजन कोटा बर्थ केवल 60 वर्ष और उससे अधिक, 45 वर्ष और उससे अधिक की महिला आयु के लिए निर्धारित निचली बर्थ हैं, जब वो अकेले या दो यात्री (एक टिकट पर यात्रा करने वाले मानदंडों के तहत) सफर करते हैं।  IRCTC ने आगे कहा कि अगर दो से अधिक वरिष्ठ नागरिक या एक वरिष्ठ नागरिक है और दूसरा वरिष्ठ नागरिक नहीं हैं, तो सिस्टम इस पर विचार नहीं करेगा।

     

    सीनियर सिटिजंस की टिकटें भी हुई थी सस्पेंड

    गौरतलब हो कि, भारतीय रेलवे ने पिछले साल कोरोनोवायरस महामारी के बढ़ते आकड़ो को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों सहित कई श्रेणियों के लोगों के रियायती टिकटों (Concessional Tickets) को कैंसिल कर दिया था। रेलवे ने यह भी कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें वापस ले ली गई हैं क्योंकि COVID-19 वायरस के कारण फैलने और मृत्यु दर का जोखिम उस श्रेणी में सबसे अधिक है।