नई दिल्ली: ‘पेंडोरा पेपर्स’ लिक (Pandora Papers Leak) ने भारत (India) के साथ-साथ पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। हजारों करोड़ो के कर घोटाल के इस आरोप में देश के करीब 300 नामी-गिरामी लोगों के नाम सामने आएं हैं। जिसमें अनिल अंबानी, विनोद अडाणी, जैकी श्रॉफ, किरण मजूमदार-शॉ, नीरा राडिया, सचिन तेंदुलकर और सतीश शर्मा हैं। वहीं इस मामले पर आयकर विभाग ने बयान जारी किया है। सीबीडीटी प्रवक्ता ने कहा कि, इस लिक से संबंधित हर मामले की जांच की जाएगी।”
विभाग ने अपने बयान में कहा, “सरकार ने आज निर्देश दिया है कि पेंडोरा पेपर लीक के मामलों की जांच की निगरानी सीबीडीटी के अध्यक्ष की अध्यक्षता में की जाएगी, जिसमें सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाई के प्रतिनिधि होंगे।”
The Government has directed today that, investigations in cases of Pandora Papers leaks will be monitored headed by the Chairman, CBDT, having representatives from CBDT, Enforcement Directorate, Reserve Bank of India & Financial Intelligence Unit: Official spokesperson, CBDT
— ANI (@ANI) October 4, 2021
300 भारतीयों के नाम
‘सोमवार को इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ ने एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई। इस रिपोर्ट को ‘पेंडोरा पेपर्स’ (भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया।
पनामा पेपर लीक के बाद सचिन ने बेची संपत्ति
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम इस जांच में सामने आया है। ICIJ के अनुसार, सचिन पनामा पेपर लीक मामले के 3 महीने बाद अपनी ब्रिटिश आइलैंड की संपत्ति को बेचने में जुट गए थे। इस रिपोर्ट में 60 से ज्यादा भारतीयों के बारे में सबूत है, जिसे जल्द ही सामने पेश किया जाएगा। वहीं इस खुलासे पर तेंदुलकर के वकील ने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी का निवेश वैध है और कर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई है।
एक करोड़ 20 लाख दस्तावेजों की पड़ताल
दुनिया भर की 14 कंपनियों से मिले लगभग एक करोड़ 20 लाख दस्तावेजों की पड़ताल से भारत सहित 91 देशों एवं क्षेत्रों के सैकड़ों नेताओं, अरबपतियों, मशहूर हस्तियों, धार्मिक नेताओं और नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के गुप्त निवेशों का खुलासा हुआ है।