जयपुर: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरनाक वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) की देश में दहशत के बीच टेंशन और भी बढ़ गई है। राजस्थान (Rajasthan) में ओमीक्रोन के और मामले सामने आए हैं। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा (Rajasthan Health Minister Parsadi Lal Meena) ने बताया है कि, राज्य में ओमीक्रोन के चार और मामले सामने आए हैं। इन मरीजों की सेहत स्थिर है। राज्य में पिछले सभी ओमीक्रोन मामलों में रिपोर्ट नेगेटिव (Covid Negative Report) आई है।
वहीं इस बीच, दिल्ली में एक बार फिर से टेंशन बढ़ गई है। दिल्ली में भी चार और ओमीक्रोन के मामले सामने आए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया है कि, चार नए ओमीक्रोन केस का पता चला है, कुल मामलों की संख्या अब 6 हो गई है। 6 मामलों में से 1 मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वर्तमान में, 35 कोविड पॉज़िटिव मरीज़ हैं और इनमें 3 संदिग्ध मामले एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं।
Four more cases have been reported, the health condition of these patients is stable. All previous Omicron cases in the State have tested COVID negative now: Rajasthan Health Minister Parsadi Lal Meena on Omicron cases pic.twitter.com/eCUa8lzTpU
— ANI (@ANI) December 14, 2021
दरअसल, इस वायरस की सबसे पहले जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिली थी। दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले इस वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति की पहचान हुई थी। कोविड-19 वायरस के बी.1.1.529 स्वरूप की पहचान दक्षिण अफ्रीका में की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को इस स्वरूप को ‘चिंता उत्पन्न करने वाले स्वरूप’ की श्रेणी में डाला है।
Four new Omicron cases detected, taking the total number of cases to 6. Of the 6 cases, 1 patient has been discharged from the hospital. Currently, 35 Covid positive patients & 3 suspected cases admitted to LNJP hospital: Delhi Health Minister Satyendar Jain on Omicron cases pic.twitter.com/Bwlz15YVCI
— ANI (@ANI) December 14, 2021
इससे पहले जो आंकड़े सामने आए थे उनसे पता चला था कि, देश में ओमीक्रोन के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए थे, इसके बाद राजस्थान में पहले नौ मामलें सामने आए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक के सवाल पर स्वास्थ मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि, यदि आवश्यक हो तो खुराक दी जा सकती है लेकिन दूसरी खुराक के नौ महीने बाद ही इसका डोज़ लगाया जा सकेगा।