नई दिल्ली. आज यानी शुक्रवार 18 नवंबर को देश के पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ (Vikram-S) की लॉन्चिंग होने जा रही है। इस ख़ास रॉकेट का निर्माण हैदराबाद की एक स्टार्ट-अप कंपनी ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ ने किया है। वहीं आज ISRO श्रीहरिकोटा में अपने केंद्र से भारत के इस पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ की लॉन्चिंग करने जा रहा है। इसकी ऐतिहासिक लॉन्चिंग के बाद भारत के स्पेस मिशन में प्राइवेट रॉकेट कंपनियों की भी अब एंट्री हो जाएगी।
Mission set. Happy to announce the authorization received from IN-SPACe yesterday for 18 November ’22, 11:30 AM, after final checks on readiness and weather. Here’s our #Prarambh mission brochure for you. Watch this space for the launch live link.#OpeningSpaceForAll pic.twitter.com/IKAYeYKAYp
— Skyroot Aerospace (@SkyrootA) November 17, 2022
बता दें कि, विक्रम-एस रॉकेट की पहली लॉन्चिंग की तैयारी पूरी कर ली गई है। यह देश की स्पेस इंडस्ट्री में प्राइवेट सेक्टर की एंट्री को भी एक एक नई राह देगा, जिस पर दशकों से सरकारी स्वामित्व वाले ISRO का ही अब तक प्रभुत्व रहा है।
पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ की लॉन्चिंग के पहले अब ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ भारत की पहली प्राइवेट सेक्टर की कंपनी भी बन गयी है, जो 2020 में केंद्र सरकार द्वारा स्पेस इंडस्ट्री को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोले जाने के बाद भारतीय स्पेस प्रोग्राम में अपना पहले कदम रख रही है।
Following PM @narendramodi‘s decision to open Space sector for private participation, India all set to make history by launching from Sriharikota the first-ever private Rocket “Vikram-S” developed by #StartUp “Skyroot Aerospace” under the guidance of #ISRO. #OpeningSpaceForAll pic.twitter.com/pxuRFmAYjr
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) November 16, 2022
बता दें कि ‘विक्रम-एस’ रॉकेट को अब से कुक देर बाद यानी आज सुबह करीब 11:30 पर लॉन्च किया जाएगा। हालाँकि इससे पहले इसे बीते 15 नवंबर को लॉन्च करने की प्री-प्लानिंग थी। आज सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद ‘विक्रम-एस’ 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा। बता दें कि रॉकेट का नामकरण इंडियन स्पेस प्रोग्राम के जनक और भारत के दिवंगत ग्रेट साइंटिस्ट विक्रम साराभाई के नाम पर किया गया है।
जानिए ‘विक्रम-एस’की ख़ास बातें
- यह 6 मीटर लंबा रॉकेट है।
- इसके घुमाव की स्थिरता के लिए 3-डी प्रिंटेड ठोस प्रक्षेपक लगे हुए हैं।
- इस ख़ास मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है।
- इस रॉकेट का वजन करीब 545 किग्रा है।
- इस रॉकेट में आम ईंधन के बजाय LNG यानी लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन (LoX) का इस्तेमाल किया जा रहा है।