Is the matter related to Vinod Adani not worthy of investigation by SEBI and ED, Congress questions Modi government

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    नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या उद्योगपति गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी से जुड़ा मामला भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के लायक नहीं है, जबकि वह इस कारोबारी समूह से जुड़े वित्तीय लेन-देन के केंद्रबिंदु में रहे हैं।

    पार्टी की ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत पिछले कुछ दिनों की तरह रविवार को भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवाल किए। उन्होंने कहा, ‘‘अडाणी समूह ने गत 29 जनवरी को कहा कि विनोद अडाणी की अडाणी समूह की किसी सूचीबद्ध इकाई अथवा उसके स्वामित्व वाली कंपनी में प्रबंधकीय भूमिका नहीं है और रोजमर्रा के काम में उनका कोई दखल नहीं है।”

    रमेश ने दावा किया, ‘‘अडाणी समूह के इस दावे के बावजूद इस कारोबारी समूह ने बार-बार ‘पब्लिक फाइलिंग’ में यह जानकारी दी कि विनोद अडाणी इस समूह का अभिन्न हिस्सा हैं। 2020 में बंबई स्टॉक एक्सचेंज में दायर एक दस्तावेज में ऐसी ही जानकारी दी गई।” उन्होंने सवाल किया, ‘‘आपके (प्रधानमंत्री) मित्र निवेशकों और जनता से इस तरह खुलकर झूठ क्यों बोल रहे हैं? क्या आपने अपने पूंजीपति मित्रों के खिलाफ जांच में उन एजेंसियों का इस्तेमाल किया, जिन्हें आपने राजनीतिक दलों, मीडिया और आपकी बात नहीं मानने वाले कारोबारियों के पीछे छोड़ रखा है?”

    रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘ क्या यह हास्यास्पद नहीं है कि अडाणी समूह ने खुद को विनोद अडाणी से अलग कर लिया?” उन्होंने ‘फोर्ब्स’ पत्रिका की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह सवाल किया कि क्या यह मामला सेबी और ईडी द्वारा जांच के लायक नहीं है? उल्लेखनीय है कि अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।