क्या बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग करने पर लगेगी रोक, हाई कोर्ट ने कहा…

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नवभारत डिजिटल डेस्क: तकनीक जैसे इंसान के लिए बहुत फायदेमंद होती है ठीक वैसे ही यह एक समय के बाद विनाशकारी भी बन सकती है। वर्तमान में इंटरनेट के बिना हमारा जीना इसकी हम कप्लना भी नहीं कर सकते, लेकिन अब हम यह भी जान गए है की इंटरनेट हमारे लिए सुविधाजनक काम करता है लेकिन यह बच्चों के लिए घातक साबित हो रहा है। 

इंटरनेट बच्चों के लिए खतरा! 

आज का दौर हाई स्पीड इंटरनेट का है, इसी वजह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ गया है। वरिष्ठ नागरिकों के साथ युवा और बच्चे भी बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन अब यह सवाल उठता है कि  क्या वास्तव में छोटे बच्चों को इंटरनेट, सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए? आइए जानते है इस संबंध में हाई कोर्ट ने क्या कहा है… 

हाई कोर्ट ने कहा… 

आपको बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर एक अहम टिप्पणी की है। जी हां इस बारे में हाई कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए उम्र तय की जानी चाहिए। इतना ही नहीं बल्कि हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि बच्चों को वोट देने का अधिकार मिलने के बाद ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहिए। 

सोशल मीडिया के बच्चे हुए आदी  

गौरतलब हो कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को 1,474 अकाउंट, 175 ट्वीट, 256 यूआरएल और एक हैशटैग हटाने का आदेश दिया था। ट्विटर ने इनमें से 39 यूआरएल के संबंध में आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। फिर कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति विजयकुमार ए. पाटिल की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई की। साथ ही इस मामले में कोर्ट ने एक्स कॉर्प को 50 लाख रुपये खर्च के तौर पर देने का भी आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने कहा बच्चों के लिए सोशल मीडिया बंद हो जाए तो अच्छा रहेगा, आज स्कूल जाने वाले बच्चे इसके आदी हो गए हैं।

बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर लगेगा निर्बंध 

हाई कोर्ट ने कहा, तरह शराब पीने की एक उम्र सीमा होती है, उसी तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की भी एक उम्र सीमा होनी चाहिए। सरकार को सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर उम्र सीमा लगाने पर विचार करना चाहिए। इस बीच कर्नाटक हाई कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद क्या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर उम्र की सीमा रहेगी या नहीं ? ये देखना महत्वपूर्ण होगा और अगर ऐसा होता है तो इसका परिणाम छोटे बच्चों पर कैसे होगा यह भी देखना महत्वपूर्ण है।