हाजीपुर से लड़ेंगे पशुपति पारस, रामविलास की विरासत के लिए चाचा-भतीजे में लड़ाई!

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पटना: बिहार में NDA में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी, चिराग पासवान की पार्टी को हाजीपुर समेत 5 सीटें देने पर राजी हो गई है। जबकि चिराग के चाचा पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है। इस बीच, पशुपति पारस ने कहा कि घोषणा के बाद अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया, तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं। हम कहीं भी जाने को तैयार रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे हाजीपुर से खुद चुनाव लड़ेंगे। 

हम करेंगे सूची का इंतजार 

केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बताया कि आज हमारे संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। सदस्यों ने फैसला किया है कि जब तक भाजपा की उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट सामने नहीं आ जाती, हम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करते हैं कि हमारे पांचों सांसदों पर विचार करें। हम सूची का इंतजार करेंगे। घोषणा के बाद अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया, तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं। हम कहीं भी जाने को तैयार रहेंगे।

मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगा

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा, “नहीं, हमने किसी से बात नहीं की है। लेकिन मैं हाजीपुर से (लोकसभा चुनाव) लड़ूंगा। हमारे सभी मौजूदा सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे। यह हमारे पार्टी का निर्णय है।” बता दें कि यह सीट उनके और उनके भतीजे चिराग पासवान के बीच विवाद का कारण रही है। पारस चिराग पासवान के चाचा हैं। रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी उनके निधन के बाद विभाजित हो गई थी। उनके भाई पारस आरएलजेपी और उनके बेटे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं। दोनों भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हैं। पारस ने कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा के साथ अपनी दोस्ती अब तक पूरी की है। 

पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी निराशा 

उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करेंगे और फिर निर्णय करेंगे।”  केंद्रीय मंत्री पारस ने कहा, ‘‘आज हमारे संसदीय बोर्ड के सदस्यों की बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजग ने बिहार में सीट बंटवारे में हमारी पार्टी को उचित तरजीह नहीं दी है। इस वजह से हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी निराशा है।”

भाजपा के ‘ईमानदार सहयोगी’ 

पारस की यह टिप्पणी चिराग की उस घोषणा के दो दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप दे दिया है और उनकी सभी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है। पासवान ने हालांकि समझौते का ब्योरा साझा नहीं किया। उन्होंने कहा था कि उचित समय पर इसका खुलासा किया जाएगा। रालोजपा प्रमुख पारस ने कहा कि वह भाजपा के ‘ईमानदार सहयोगी’ हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।