Maharashtra After Congress, AAP, now uddhav Thackeray faction boycotts inauguration of new Parliament building; Sanjay Raut's announcement

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मुंबई: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) अक्सर अपने बेबाक बयानों के चलते सुर्खियों में रहते है। हाल ही में उन्होंने नए संसद भवन (New Parliament Inauguration) के उद्धघाटन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। संजय राउत ने कहा, नए संसद भवन का उद्घाटन सिर्फ अपनी नेम प्लेट लगवाने के लिए हो रहा है। पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने राजधानी दिल्ली में कई इमारतों का उद्घाटन किया है। उसमें उनका नाम है। इसलिए नए संसद भवन के बोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराने के लिए यह कार्यक्रम किया जा रहा है। बीजेपी कह रही थी कि ये तो इवेंट है, हमने एक आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया है। तो इस आदिवासी महिला राष्ट्रपति को संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से क्यों छोड़ा गया? ऐसा सवाल पूछते हुए संजय राउत ने सरकार पर निशाना साधा है। 

संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कोरोना काल में भी देश के खजाने पर लाखों करोड़ का बोझ डालकर बनाया गया था। क्या यह वाकई जरूरी था? यह प्रोजेक्ट सिर्फ प्रधानमंत्री की इच्छा से आधी दिल्ली पर बुलडोजर चलवा कर बनाया गया। वर्तमान दिल्ली में कई इमारतों में संस्थापकों के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के नाम की प्लेट लगी हैं। संजय राउत ने आगे इशारा देते हुए कहा कि, ‘यदि उन नामों को हटाकर नरेंद्र मोदी का नाम लगाया जाएगा, इसलिए यह काम किया जा रहा है, तो देश के इतिहास से वह नाम कभी नहीं मिटेंगे।’ 

ठाकरे गुट के नेता ने कहा, वर्तमान संसद क्रांतिकारी और ऐतिहासिक है। इस इमारत से संविधान का मसौदा तैयार किया गया था। यह इमारत और 100 साल तक ऐसे ही रहती। दुनिया में इससे कहीं ज्यादा ऐतिहासिक और पुरानी इमारतें हैं। वे अच्छी स्थिति में हैं। आपने भवन बनाया। आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का हर जगह ढिंढोरा पीटा। उन्होंने यह भी कहा कि एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने वाली सरकार को जवाब देना होगा कि उसने आदिवासी महिला को क्यों इस समारोह से अलग कर दिया। 

संजय राउत (Sanjay Raut) ने आगे ऐलान करते हुए कहा, ‘संसद का मुखिया राष्ट्रपति होता है। वह सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हैं। दोनों घर के मुखिया हैं। उन्हें इस समारोह से बाहर करने का क्या कारण है? प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति किसी कार्यक्रम में साथ हो सकते हैं। उसमें कोई समस्या नहीं। लेकिन एक आदिवासी राष्ट्रपति को छोड़कर… मैं आदिवासी शब्द दोहरा रहा हूं, क्योंकि बीजेपी कह रही थी कि हमने पहली बार एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया। तो जब नई संसद का उद्घाटन हो रहा है तो उस आदिवासी महिला को याद क्यों नहीं किया गया? इसलिए हम इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। ‘

विस्तार कोई नया संसद भवन नहीं है

आदिवासी महिला राष्ट्रपति को संसद भवन के कार्यक्रम से बाहर करने पर हम सभी ने कांग्रेस के साथ मिलकर इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है। किसी भवन के उद्घाटन और संसद भवन के उद्घाटन में अंतर होता है। इंदिरा गांधी ने बढ़े हुए संसद भवन की आधारशिला रखी। राजीव गांधी के हाथों भी यही हुआ था। विस्तार कोई नया संसद भवन नहीं है। यह कहकर कि यह नया संसद भवन है, इतिहास बदला जा रहा है। बिना कुछ किए। यह आयोजन भवन के उद्घाटन के अवसर पर आपके नाम की पट्टिकाएं लगाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस का संसद से कोई लेना-देना नहीं है।